जस्टिस गवई आज भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें पद की शपथ दिलाएंगी। जस्टिस गवई को 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। उनका जन्म 24 नवंबर को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। वे दिवंगत आर.एस. गवई के पुत्र हैं, जो बिहार और केरल के राज्यपाल रह चुके हैं।
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना मंगलवार, 13 मई को सेवानिवृत्त हो गए और उन्होंने अपना कार्यभार सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस भूषण रामकृष्ण (बीआर) गवई को सौंप दिया। जस्टिस गवई बुधवार, 14 मई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें पद की शपथ दिलाएंगी।
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निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, 16 अप्रैल को चीफ जस्टिस खन्ना ने केंद्र सरकार को उनके नाम की सिफारिश की। जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा और वे 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 23 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे। वे वर्तमान मुख्य न्यायाधीश खन्ना के बाद सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।
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24 नवंबर, 1960 को अमरावती में जन्मे जस्टिस गवई को 14 नवंबर, 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। वे 12 नवंबर, 2005 को हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने। जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट में कई संवैधानिक पीठों का हिस्सा रहे हैं, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं।
जस्टिस गवई को 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उनका जन्म 24 नवंबर को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। वे दिवंगत आर.एस. गवई के पुत्र हैं, जो बिहार और केरल के राज्यपाल रह चुके हैं। उन्होंने 14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में अपना न्यायिक करियर शुरू किया था। न्यायाधीश के रूप में उन्होंने मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद और पणजी में विभिन्न पीठों पर काम किया है।