भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, एक्टिव केसों की संख्या 1010 पर पहुंच गई है. केरल में 430 और महाराष्ट्र में 208 मामले दर्ज किए गए हैं. कुछ राज्यों में मौतें भी हुई हैं. कोरोना के नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 विश्व स्वास्थ्य संगठन की निगरानी में हैं. आगे जानिए कोरोना का ताजा अपडेट.
नई दिल्ली. देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या 1010 पर पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा मामले केरल से आए हैं. केरल में कोरोना के 430 मामले सामने आए हैं.
वहीं, महाराष्ट्र में कोरोना के 208 मामले हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली में 104, कर्नाटक में 100 और गुजरात में 83 मामले हैं. वहीं, राजस्थान में 32, एमपी में 5 और यूपी में 30 मामले सामने आए. साथ ही, आंध्र प्रदेश में अब तक कोरोना के 2 एक्टिव केस हैं.
11 मरीजों की मौत
महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कुल 11 मरीजों की मौत हो चुकी है। कुल मौतों का आंकड़ा 12 तक पहुंच गया है।
क्या कोरोना का नया वैरिएंट खतरनाक है?
कोरोना के नए वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की निगरानी में हैं और अभी तक चिंता की कोई बात सामने नहीं आई है।
यूपी में कितने मामले?
रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के फिरोजपुर में भी एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई। फिलहाल यूपी में कोरोना के 30 एक्टिव केस हैं। अगर पंजाब राज्य की बात करें तो पंजाब के फिरोजपुर में कोरोना का पहला मामला सामने आया था।
कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य सरकारें सक्रिय हो गई हैं और सभी से सावधानी बरतने की अपील कर रही हैं। राजस्थान में भी सावधानी बरतने की अपील की गई है।
राजस्थान में स्वास्थ्य मंत्री का बयान
जयपुर में कोविड से संबंधित मौत के बाद राजस्थान के स्वास्थ्य अधिकारियों को शांति बनाए रखने और अनावश्यक दहशत पैदा करने से बचने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर ने कहा कि मौजूदा कोविड वैरिएंट को घातक नहीं माना जा रहा है और कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।
यूपी में कर्मचारियों की योग्यता के आधार पर भर्ती की जाएगी। यूपी स्वास्थ्य विभाग के एक बयान के अनुसार लैब असिस्टेंट, डेटा एनालिस्ट, ओटी टेक्नीशियन समेत कई पदों पर योग्यता के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी।
कोरोना का JN.1 वैरिएंट
अगर कोरोना के वैरिएंट की बात करें तो भारत में कोरोना का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। जांच में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट पाया जाता है। बताया जा रहा है कि इस वैरिएंट में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है और यह कुछ हफ्तों तक रह सकती है।