केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि पार्टी के पुराने, निष्ठावान और मेहनती कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। इन पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी खतरनाक साबित हो सकती है।
दूसरे दलों से भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने पार्टी को एक तीखा लेकिन सटीक संदेश दिया है। उनका ताज़ा बयान कार्यकर्ताओं की नाराज़गी को दर्शाता है।
सोलापुर ज़िले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने हाल ही में "आयाराम-गयाराम" संस्कृति का विरोध किया और कहा कि यह मेहनती और निष्ठावान कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय है। इसी संदर्भ में, नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी नाराज़गी व्यक्त की और भाजपा नेतृत्व को सीधा संदेश दिया।
"घर का चिकन दाल जैसा होता है, बाहर का चिकन सावजी चिकन जैसा होता है"
नितिन गडकरी ने कहा कि घर का चिकन दाल जैसा होता है, बाहर का चिकन सावजी चिकन जैसा होता है। गडकरी ने बताया कि सावजी चिकन मसाला बेहतर बनाते हैं, इसलिए वे बाहर का चिकन पसंद करते हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को सीधा संदेश देते हुए कहा, "अपने पुराने कार्यकर्ताओं को मत भूलना। वे ही असली ताकत हैं। उनका ख्याल रखें और उनकी कद्र करें। अगर आप उनकी अनदेखी करेंगे, तो जितनी तेज़ी से आप ऊपर उठ रहे हैं, उतनी ही तेज़ी से गिर भी सकते हैं।" इस चेतावनी को भाजपा नेतृत्व के लिए एक कड़ा संकेत माना जा रहा है।
"वफ़ादार कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय न करें"
गडकरी ने साफ़ तौर पर कहा कि पार्टी के पुराने, वफ़ादार और मेहनती कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। नए नेताओं को लेकर उत्साह ठीक है, लेकिन पुराने कार्यकर्ताओं की मेहनत और लगन को नज़रअंदाज़ करना ख़तरनाक साबित हो सकता है।
नितिन गडकरी ने यह बयान नागपुर ज़िले के कलमेश्वर में एक सड़क निर्माण परियोजना के शिलान्यास समारोह के दौरान दिया। गडकरी अपनी बेबाक और बेबाक शैली के लिए जाने जाते हैं। भाजपा इस समय महाराष्ट्र में ज़िला परिषदों और नगर निगमों में जीत हासिल करने के मिशन में जुटी है, जिसमें मुंबई नगर निगम सबसे अहम है। हालाँकि, लगातार दूसरे दलों से नेताओं को पार्टी में शामिल करने की नीति ने पुराने कार्यकर्ताओं में असुरक्षा की भावना बढ़ा दी है। न केवल सोलापुर में, बल्कि कई जिलों में इस नई संस्कृति के खिलाफ श्रमिकों में नाराजगी है।