राउत ने लिखा कि एकनाथ शिंदे की स्थिति डगमगा रही है और इसीलिए वह बार-बार दिल्ली भाग रहे हैं। राउत ने दावा किया कि उन्होंने पार्टी और बहुमत, दोनों चुरा लिए हैं।
महाराष्ट्र शिवसेना नेता (यूबीटी) संजय राउत ने सामना में एक लेख में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि चुनाव चिन्ह और बहुमत के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले ही वह दिल्ली में अपने आकाओं के पास भाग जाते हैं। राउत ने शिंदे गुट को चुराई हुई पार्टी बताया और संविधान एवं न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए।
संजय राउत ने आगे लिखा कि एकनाथ शिंदे की स्थिति डगमगा रही है और इसीलिए वह बार-बार दिल्ली भाग रहे हैं। उन्होंने शिंदे की तुलना दूसरे राज्यों के नेताओं से करते हुए व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि चंद्रबाबू नायडू अपने राज्य से फैसले लेते हैं, जबकि शिंदे के आका दिल्ली में बैठे हैं। संजय राउत नरेंद्र मोदी और अमित शाह का जिक्र कर रहे थे।
राउत ने दावा किया कि उन्होंने पार्टी और बहुमत, दोनों चुरा लिए हैं और अब बार-बार दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं। शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रख पाएगा। और अगर ऐसा हुआ, तो लोगों का न्याय व्यवस्था पर से विश्वास उठ जाएगा। दुनिया भारतीय संविधान पर सवाल उठा रही है क्योंकि एक चुराई हुई पार्टी को सारे अधिकार दिए जा रहे हैं। फिर भी, हमें न्यायपालिका पर भरोसा है।
शिंदे गुट का भाजपा में विलय होने की संभावना
महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे के संबंध में, राउत ने 50-50 सीटों के फॉर्मूले को लेकर शिंदे पर तीखा हमला करते हुए पूछा, "एकनाथ शिंदे के पास मुंबई में क्या है? भाजपा उन्हें इतनी सीटें कभी नहीं देगी।" इसके अलावा, राउत ने दावा किया कि शिंदे गुट के पास अब कोई "पार्टी" नहीं बची है और अंततः उसे भाजपा में विलय करना होगा। शिंदे गुट अब भाजपा का एक अवशेष मात्र रह गया है।
संजय राउत ने शिंदे के बयानों को "बेदुक" (ढोल और तुरही की तरह) बताते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे का "बेदुक" (ढोल की तरह) अब शुरू हो गया है। अब अदालत को न्याय करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि शिंदे मोदी और शाह के सामने चाहे जितनी भी शेखी बघार लें, अंदरूनी बातचीत सबको पता है।
फलटन दौरे पर उठे सवाल
संजय राउत ने महाराष्ट्र के फलटन दौरे को "निर्जला पना" (आत्माविहीन प्रदर्शन) बताया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति खुद को गृह मंत्री (अमित शाह की ओर इशारा करते हुए) समझता है, उसके मन में कुछ और ही है, इसलिए मंच साझा नहीं किया गया।
1 नवंबर को प्रमुख मोर्चा - अडानी पर हमला
संजय राउत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा कि पूरा देश अडानी के हवाले कर दिया गया है, इतना ही नहीं, बजट भी अडानी को दे दिया गया है। मतदाता सूची की जाँच की कांग्रेस की माँग का समर्थन करते हुए राउत ने कहा, "हमने अपनी आवाज़ उठाई है और चुनाव आयोग को इसकी जाँच करनी चाहिए, जिसकी शुरुआत महाराष्ट्र से होनी चाहिए।"
राउत ने घोषणा की कि 1 नवंबर को मुंबई में एक बड़ी रैली होगी। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे), शेतकरी कामगार पक्ष, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और समाजवादी पार्टी समेत कई दल इसमें हिस्सा लेंगे। रैली फ़ैशन स्ट्रीट से शुरू होकर मेट्रो सिनेमा होते हुए मुंबई नगर निगम तक जाएगी। वहाँ प्रमुख नेता भाषण देंगे और फिर अगली रणनीति तय की जाएगी।
सम्मेलन में मोदी की अनुपस्थिति पर व्यंग्य
संजय राउत ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि मोदी बहुत महत्वपूर्ण विदेश यात्राएँ करते हैं, इसलिए उन्हें इस शिखर सम्मेलन में भी शामिल होना चाहिए था। लेकिन वह बिहार चुनाव को ज़्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं।
मोदी-शाह बालासाहेब की शिवसेना को नहीं चुरा सकते
संजय राउत ने शिवसेना के अस्तित्व के बारे में लिखा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की सौ पीढ़ियाँ भी बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को नहीं चुरा सकतीं। इसके अलावा, राउत ने शिंदे गुट को "चुराया हुआ" बताया और शिवसेना की असली विरासत को बचाए रखने का संकल्प व्यक्त किया।