- दो मतदाता सूचियों में अपना नाम आने पर प्रशांत किशोर की पहली प्रतिक्रिया: "चुनाव आयोग से पूछिए..."

दो मतदाता सूचियों में अपना नाम आने पर प्रशांत किशोर की पहली प्रतिक्रिया:

प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें धमकाने के लिए एक नोटिस भेजा गया था। उन्होंने पूछा कि नोटिस क्यों भेजा गया और उन्हें तुरंत गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने दो अलग-अलग मतदाता सूचियों में अपना नाम होने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर उनका नाम दो अलग-अलग मतदाता सूचियों में है, तो चुनाव आयोग को यह बताना चाहिए कि बिहार में एसआईआर लागू होने पर उनका नाम क्यों नहीं हटाया गया। उन्होंने कहा कि अगर कोई गलती हुई है, तो उन्हें गिरफ़्तार किया जाना चाहिए। प्रशांत किशोर ने यह बयान मंगलवार (28 अक्टूबर) को बिहार के अररिया में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए दिया।

एसआईआर से हमारे नाम क्यों नहीं हटाए गए? पीके
प्रशांत किशोर ने कहा, "चुनाव आयोग से पूछिए कि बिहार में एसआईआर लागू होने पर उन्होंने हमारे नाम क्यों नहीं हटाए। वे हमें मजबूर करने की कोशिश कर रहे हैं। हम 2019 से अपने गाँव कोनार में मतदाता हैं। बीच में दो साल हम कलकत्ता में थे, इसलिए हम वहाँ के मतदाता थे। चुनाव आयोग दावा कर रहा है कि हमने एसआईआर लागू किया है और पूरी मतदाता सूची को हटा दिया गया है।" जन सुराज नेता ने आगे कहा, "हमें धमकाने के लिए एक नोटिस भेजा गया है। नोटिस क्यों भेजा गया है? उसे पकड़ो और गिरफ्तार करो, हम देखेंगे।"

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, प्रशांत किशोर कथित तौर पर अपने गृह राज्य बिहार के साथ-साथ पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में भी मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। पश्चिम बंगाल के एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, पश्चिम बंगाल में मतदाता के रूप में प्रशांत किशोर का पता 121, कालीघाट रोड दर्ज है। यह कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय का पता है।

प्रशांत किशोर को नोटिस जारी
करगहर निर्वाचन अधिकारी ने प्रशांत किशोर को दो राज्यों में मतदाता पहचान पत्र रखने के संबंध में एक नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है।

मुसलमानों के बारे में उन्होंने क्या कहा?
अररिया में मीडिया से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने बिहार के मुस्लिम मतदाताओं को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा, "क्या महागठबंधन में किसी मुसलमान को उप-मुख्यमंत्री घोषित किया गया है? मुसलमानों के लिए यह देखना बाकी है। हम तीन साल से कह रहे हैं कि अगर आप (मुसलमान) मुफ़्त की लालटेन में मिट्टी के तेल की तरह जलते रहेंगे, तो न तो आपको हिस्सेदारी मिलेगी और न ही भाजपा को हरा पाएँगे। लेकिन तेजस्वी यादव आपको फिर से बेवकूफ़ बनाने के लिए कुछ न कुछ ज़रूर कहेंगे।"

अब जन सुराज ही विकल्प है - प्रशांत किशोर
बिहार में लोग लालू यादव के डर से नीतीश कुमार और भाजपा को वोट देते हैं। इसी तरह, मुस्लिम समुदाय भाजपा के डर से लालू यादव को वोट देता है। जन सुराज ने 30 साल की इस राजनीतिक बंधुआ मज़दूरी को ख़त्म कर दिया है। अब आपके पास एक विकल्प है। अगर लोग विकल्प होने के बावजूद जन सुराज को वोट नहीं देते हैं, तो ज़िंदगी नहीं सुधरेगी।"

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag