- आपके लिए कौन सा निवेश बेहतर होगा?

आपके लिए कौन सा निवेश बेहतर होगा?

फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट, दोनों में निवेश करना एक अच्छा विकल्प है। लेकिन आपके लिए कौन सा विकल्प फायदेमंद होगा? इन बिंदुओं से जानें।

आजकल, हर कोई भविष्य की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी आय का एक हिस्सा निवेश करने की कोशिश करता है। बाजार में निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग कम जोखिम और निश्चित रिटर्न वाले विकल्प चुनते हैं। यही कारण है कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट में एक बड़ी रकम निवेश की जाती है।

दोनों ही गारंटीशुदा मुनाफ़ा देते हैं और पूरी पूँजी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। बस फर्क इतना है कि FD में आप एकमुश्त बड़ी रकम जमा करते हैं, जबकि RD में आप हर महीने एक निश्चित राशि बचत के रूप में जमा करते हैं। अब सवाल यह है कि इन दोनों विकल्पों में से कौन सा आपके लिए बेहतर होगा। आइए समझते हैं।

FD के क्या फायदे हैं?
FD, या फिक्स्ड डिपॉजिट, एक निवेश पद्धति है जिसमें आप बैंक में एकमुश्त राशि जमा करते हैं और उसे एक निश्चित अवधि के लिए वहीं छोड़ देते हैं। बैंक एक निश्चित ब्याज दर देता है, जिससे आपको परिपक्वता पर आपकी पूँजी पर एक निश्चित रिटर्न मिलता है। इसकी अवधि 7 दिनों से लेकर 10 साल तक होती है।

इसे कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है। FD का फ़ायदा यह है कि इसमें ब्याज दर पहले से तय होती है और पैसा सुरक्षित रहता है। यही वजह है कि ज़्यादातर लोग अपनी बचत के लिए इसे चुनते हैं। टैक्स बचत के लिए 5 साल की FD भी एक अच्छा विकल्प है। हालाँकि, अगर FD को ज़रूरी रकम से पहले तोड़ा जाता है, तो जुर्माना लग सकता है।

RD में निवेश करना क्यों अच्छा है?

RD उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो छोटी-छोटी मासिक बचत से बड़ी रकम बनाना चाहते हैं। निवेशक हर महीने एक निश्चित राशि जमा करता है, जिस पर बैंक एक निश्चित ब्याज देता है। योजना पूरी होने पर, जमा राशि और ब्याज दोनों एक साथ मिलते हैं।

इसकी अवधि 6 महीने से 10 साल तक होती है, और ब्याज दर लगभग FD के बराबर होती है। RD खासकर उन वेतनभोगी लोगों के लिए उपयुक्त है जो एक बार में बड़ी रकम निवेश नहीं कर सकते। यह अनुशासित बचत की आदत डालता है। हालाँकि, मैच्योरिटी से पहले RD बंद करने पर ब्याज में कमी और थोड़ा जुर्माना लग सकता है।

आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर है?
अगर आपके पास पहले से ही बड़ी रकम है और आप उसे लंबे समय तक सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो FD एक सही विकल्प है। इसकी ब्याज दर थोड़ी ज़्यादा होती है और पूँजी एक बार में ही लॉक हो जाती है। हालाँकि, अगर आपकी आय हर महीने आती है और आप धीरे-धीरे अपनी बचत बढ़ाना चाहते हैं, तो RD आपके लिए बेहतर विकल्प है।

यह नियमित रूप से निवेश करने का एक आसान तरीका है और लक्ष्य-आधारित बचत के लिए उपयुक्त है। दोनों ही योजनाएँ सुरक्षित हैं और निश्चित रिटर्न देती हैं। बस फर्क इतना है कि FD में एक बार निवेश किया जाता है, जबकि RD में मासिक निवेश किया जाता है। इसलिए, अपने बजट और वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर विचार करें कि कौन सी योजना आपके लिए फायदेमंद है।

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