मध्य प्रदेश सरकार के IAS अधिकारी संतोष वर्मा ने आरक्षण को लेकर ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उन्होंने एक सार्वजनिक मंच से कहा कि जब तक ब्राह्मण बहू का कन्यादान नहीं हो जाता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। उनके बयान का एक वीडियो वायरल हो गया, जिससे हंगामा मच गया।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सीनियर IAS अधिकारी संतोष वर्मा के आरक्षण पर दिए गए विवादित बयान से मध्य प्रदेश में बड़ा हंगामा मच गया है। 23 नवंबर को सेकंड स्टॉप के अंबेडकर मैदान में आयोजित AJJAKS (अनुसूचित जाति और जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ) के प्रांतीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए वर्मा ने मंच से कहा कि "जब तक मेरे बेटे को ब्राह्मण बेटी का कन्यादान नहीं हो जाता या उसका रिश्ता नहीं हो जाता, तब तक परिवार में एक व्यक्ति को आरक्षण मिलता रहना चाहिए।"
वीडियो सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया
IAS अधिकारी संतोष वर्मा के बयान के वीडियो से विवाद खड़ा हो गया है। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने इसका कड़ा विरोध करते हुए इसे ब्राह्मणों का सीधा अपमान बताया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि IAS अधिकारी के बयान में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। ब्राह्मण संगठन ऐसे पढ़े-लिखे, बदतमीज़ इंसान की कड़ी निंदा करता है।
पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा, "ऑल इंडिया ब्राह्मण समाज माननीय मुख्यमंत्री से रिक्वेस्ट करता है कि वे सोचें कि ऐसी हालत में समाज कहाँ जाएगा। ब्राह्मण समाज गुस्से में है। हम मुख्यमंत्री से रिक्वेस्ट करेंगे कि ऐसे इंसान को तुरंत निकाल दें, नहीं तो पूरे राज्य में विरोध होगा, और सरकार और प्रशासन पूरी तरह से ज़िम्मेदार होगा।"
'ब्राह्मण सम्मान से छेड़छाड़'
ऑल इंडिया ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "यह ऑल इंडिया सर्विस कोड के खिलाफ है और ब्राह्मण सम्मान से छेड़छाड़, बदतमीज़ी और आपत्तिजनक है। BJP सरकार में जहाँ लाडली लक्ष्मी और लाडली बहना स्कीम लागू हैं और प्रधानमंत्री 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' कैंपेन चलाते हैं, वहाँ एक ऑल इंडिया सर्विस ऑफिसर का बेटियों के बारे में गलत बात करना ठीक नहीं है।" अब IAS ऑफिसर ने सफाई दी है।
अपने कथित विवादित बयान के बारे में, शेड्यूल्ड कास्ट्स एंड ट्राइब्स ऑफिसर्स एम्प्लॉइज यूनियन (AJJAKS) के स्टेट प्रेसिडेंट और IAS ऑफिसर संतोष वर्मा ने कहा, "मेरा मकसद पॉलिटिकल हंगामा खड़ा करना नहीं था। मीटिंग में चर्चा के एजेंडा में से एक यह था कि रिजर्वेशन धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक आधार पर होना चाहिए। इस टॉपिक पर, मैंने कहा था कि अगर मैं फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट हूं और अब सोशली बैकवर्ड नहीं हूं, तो मेरे बच्चों को समाज से 'रोटी-बेटी' वाला ट्रीटमेंट मिलना चाहिए। मेरी किसी भी कम्युनिटी के लिए कोई बुरी नीयत नहीं है। अगर मैंने किसी को बुरा कहा है तो मैं माफी मांगता हूं। हालांकि, कुछ लोगों ने मेरी कही बात का सिर्फ एक हिस्सा ही पब्लिसाइज किया है।"