- संस्कृत में कुछ लिख दे क्या हम उसको वेद कहेंगे वेद मंत्र वेद ही रहेंगे पुराण पुराण ही रहेंगे

संस्कृत में कुछ लिख दे क्या हम उसको वेद कहेंगे वेद मंत्र वेद ही रहेंगे पुराण पुराण ही रहेंगे

श्री राम आचार्य की किताब में भगवान शंकराचार्य रामानुजाचार्य की आलोचना ठीक नहीं है
गोहद। श्री रघुनाथ मंदिर विजय राम धाम खनेता में 30 जनवरी से 6 फरवरी तक सनातन धर्म महा समागम के अंतिम दिन संत प्रवचन देते हुए जगतगुरू रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेव आचार्य जी महाराज विद्या भास्कर श्री अयोध्या ने श्रद्धालुओं को बताया कि हम संस्कृत में कुछ लिख दें क्या हम उसको वेद कहेंगे वेद मंत्र वेद ही रहेंगे पुराण पुराण ही रहेंगे  हमारे आचार्यों की परंपरा नहीं रही है यह यह तो श्री राम आचार्य तथाकथित जैसे लोग हिंदी में किताब लिख रहे हैं और उसका नाम प्राज्ञ पुराण नाम रख रहे हैं किताब के पेज नंबर 150 पर भगवान शंकराचार्य रामानुजाचार्य की आलोचना उस प्राज्ञ पुराण में की गई है स्वामी दयानंद जी का संस्कारों के विषय पर बड़ा जोर था हिंदुओं की रक्षा करने में आर्य वीर दल की स्थापना में विशेष योगदान था इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं लेकिन जिस तरह किताब में हमारे सनातन धर्म के महान आचार्य की आलोचना की गई है जिसका खंडन करना चाहिए भारतवर्ष में वर्णाश्रम धर्म रहेगा बड़े-बड़े नेता वर्णाश्रम धर्म जैसी चीज नहीं होती प्रचार कर रहे हैं जय सनातन के दुश्मन हैं उन्हें धर्म के मूल रहस्य को समझना चाहिए शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिए ऐसे लोग हिंदू धर्म को समाप्त करना चाहते हैं जब तक ब्राह्मण है तब तक हिंदू धर्म समाप्त नहीं हो सकता सनातन धर्म की रक्षा करने कमर कसी है
किया आगाह दी चेतावनी और ब्राह्मण ही भ्रष्ट हो गए हैं संध्या वंदन सूर्य और छोड़ दिया शिखा रखना छोड़ दिया बड़े-बड़े संस्कृत के विद्वान आचार्य अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में अध्यापन करा रहे हैं सनातन धर्म की जड़ों में म_ा डालने का काम कर रहे हैं ऐसे ब्राह्मणों का बहिष्कार होना चाहिए
जगद्गुरु रामानंदाचार्य श्री श्री 1008 स्वामी श्री वल्लभाचार्य जी महाराज चारुशिला आश्रम जानकी घाट अयोध्या ने कहा कि श्री राम महायज्ञ में राम जी का प्रकट होता है जिस स्थान पर महापुरुष पहुंच जाएं जहां रघुनाथ जी की सेवा चल रही हो वह स्थान किसी धाम से कम नहीं है खनेता  में श्री राम महायज्ञ हुआ श्री राम जी का प्रकट हुआ  हैं वेद भगवान आए तो प्रभु 4 रूपों में प्रकट हुए हैं आचार्य के चरणों में परमपिता प्राप्त होता है बिना गुरुदेव के आशीर्वाद से जीव भगवान की शरण में भगवत कृपा ग्रहण नहीं कर सकता उसके लिए उसे सर्वप्रथम गुरु के शरण में जाना ही पड़ेगा उन्होंने कहा कि श्री रघुनाथ मंदिर विजय राम धाम में विराजे ठाकुर जी महाराज साक्षात दिव्य आलोकित है कार्यक्रम में श्रीमद भगवत कथा का अध्यापन कराने वाले श्रेष्ठ आचार्य श्री गुरु नेत्रपाल जी डॉ आचार्य बालकृष्ण जी महाराज एवं श्री रघुनाथ मंदिर विजय राम धाम के महंत 1008 श्री श्री महामंडलेश्वर राम भूषण दास जी महाराज ने श्रद्धालुओं के धैर्य परिश्रम और सफल आयोजन पर सभी को शुभ आशीर्वाद दिया है आज भी लाखों श्रद्धालुओं ने दोपहर बाद भोजन प्रसादी ग्रहण की है। श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर राम भूषण दास जी महाराज ने मंदिर प्रांगण में प्रशासनिक अधिकारियों को श्रीफल शॉल देकर सम्मानित किया साथ ही पुलिस आरक्षक एवं अन्य सभी कर्मचारियों को कार्यक्रम में परिश्रम और सहयोग करने पर सम्मानित किया है इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन सत्यजीत महाराज ने किया है।

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