अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से बात की, पहलगाम आतंकी हमले से लेकर पाकिस्तान के साथ चल रहे संघर्ष तक के मुद्दों पर चर्चा की।
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते और उसके बाद पाकिस्तान द्वारा इसके उल्लंघन की खबरों के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने शनिवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की। भारत और चीन के बीच पहली उच्च स्तरीय वार्ता पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और चीन के बीच यह पहली उच्च स्तरीय वार्ता है।
पिछले एक पखवाड़े में पीएम नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए डोभाल दुनिया के सभी प्रमुख देशों के नेताओं से बात कर चुके हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी सूचना के मुताबिक एनएसए डोभाल ने पहलगाम आतंकी हमले के बारे में जानकारी दी और आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बारे में भी बताया।
डोभाल ने कहा कि युद्ध भारत की इच्छा नहीं है चीन के मुताबिक एनएसए डोभाल ने कहा कि युद्ध भारत की इच्छा नहीं है और इससे किसी को फायदा नहीं है। भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम के लिए प्रतिबद्ध हैं और उम्मीद जताई कि जल्द ही क्षेत्रीय शांति और स्थिरता स्थापित होगी। इस दौरान वांग यी ने पहलगाम हमले की निंदा की।
उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों की भी निंदा की और कहा कि दुनिया में कई जगहों पर अस्थिरता को देखते हुए दक्षिण एशिया में मौजूदा शांति को हर कीमत पर बनाए रखा जाना चाहिए।
चीन ने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान लंबे समय तक संघर्ष विराम को बनाए रखने के लिए संयम बरतेंगे और बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाएंगे। चीन इसमें दोनों देशों की मदद करेगा।
इस्लामाबाद से पीटीआई के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि उनका देश पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उसके समर्थन में मजबूती से खड़ा रहेगा।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीनी विदेश मंत्री ने उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की। चीन पाकिस्तान का चौतरफा रणनीतिक साझेदार है
बातचीत के दौरान डार ने वांग यी को ताजा क्षेत्रीय हालात की जानकारी दी। वांग ने पाकिस्तान के संयम की तारीफ की। विदेश कार्यालय के अनुसार, वांग ने दोहराया कि चीन पाकिस्तान का सर्वांगीण रणनीतिक साझेदार है और वह उसे समर्थन देने में दृढ़ रहेगा।