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बैंकों में लावारिस पड़े हजारों करोड़ रुपए की जानकारी जुटने में जुटा आरबीआई
नई दिल्ली । देश के बैंकों में लावारिस पड़े हजारों करोड़ रुपए की जानकारी जुटने और उनके निपटारे के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार से 100 दिन 100 पे का अभियान का शुरू किया है। आरबीआई यह अभियान बैंकिंग प्रणाली में लावारिस जमा की मात्रा को कम करने और ऐसी जमा राशि को उनके सही मालिकों/दावेदारों को वापस करने के लिए कर रहा है।
आरबीआई के अभियान के तहत 100 दिनों के अंदर भारत के हर एक जिले में हर एक बैंक में जमा 100 अनक्लेम्ड डिपॉजिट रकम का पता लगाकर उनका निपटारा होगा। रिजर्व बैंक ने अपने अभियान के बारे में बताया कि इस तरह से बैकिंग सिस्टम में जमा लावारिस रकम की मात्रा को कम किया जा सकेगा और डिपॉजिट को उनके सही मालिकों और दावेदारों तक पहुंचाया जा सकेगा।
अनक्लेम्ड डिपॉजिट उन्हें कहा जाता है, जिसे 10 साल या उससे भी अधिक समय से किसी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं किया गया हो। बैंकिंग सिस्टम में इस इनएक्टिव डिपॉजिट माना जाता है। पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने फरवरी, 2023 तक बिना दावे वाली करीब 35,000 करोड़ रुपए की राशि रिजर्व बैंक को ट्रांसफर की थी, यह राशि उन खातों में जमा थी, जिसमें 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ।
ये रकम अलग-अलग बैंकों के 10.24 करोड़ खातों से संबंधित थी। आरबीआई ने कहा कि इसतरह के मामले भी सामने आए हैं, जब किसी डिपॉजिटर के मृत्यु के बाद उनके नामिती/कानूनी उत्तराधिकारी संबंधित बैंक(बैंकों) पर दावा करने के लिए आगे नहीं आते हैं। वर्तमान में, देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास लावारिस जमा राशि सबसे ज्यादा है। एसबीआई के पास 8,086 करोड़ रुपए की लावारिस जमा राशि है। दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) है जिसके पास 5,340 करोड़ रुपए का लावारिस जमा है। इसके बाद केनरा बैंक 4,558 करोड़ रुपए और उसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा है, जिसके पास 3,904 करोड़ रुपए का लावारिस जमा है।
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