लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और सूबे की पूर्व सीएम मायावती ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पर वोटों की खातिर ओबीसी समाज को लुभाने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना की मांग फिर कर दी है। बसपा संस्थापक कांशीराम को उनके परिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धाजंलि अर्पित करने के बाद बहनजी ने कहा कि बसपा मूवमेंट के सामने जातिवादी, संक्रीर्ण, साम्प्रदायिक, पूंजीवादी एवं ग़रीब-विरोधी ताकतों द्वारा अब काफी चुनौतियाँ बढ़ गई हैं।
इनके अकूत धन व संसाधनों का दुरुपयोग करने के साथ ही उनके साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्डों का बसपा द्वारा केवल अपनी एकजुटता, समर्पण तथा जनाधार को ब़ढ़ाकर सामना किया जा सकता है, जो श्री कांशीराम का सपना है और जिस राह पर चलकर यूपी में बसपा की चार बार सरकार बनी तथा यहाँ सामाजिक परिवर्तन एवं आर्थिक मुक्ति की मज़बूत नींव पड़ी व सबको न्याय मिला।
मायावती ने कहा कि जातिवादी एवं आरक्षण विरोधी पार्टियाँ/तत्व विशेषकर भाजपा व कांग्रेस लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बहुजनों के वोटों के स्वार्थ की खातिर आज कल अपने आपको ओबीसी समाज का नया हितैषी दिखाने की होड़ में है, लेकिन दलितों व आदिवासियों के साथ-साथ ’बहुजन समाज’ के खास अंग ओबीसी एवं धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के हित व कल्याण तथा उनके संवैधानिक हक को लेकर श्री कांशीराम का संघर्ष डा. भीमराव अम्बेडकर के बाद बेहतरीन व बेमिसाल है।
ये भी जानिए..................
समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधकर मायावती ने कहा कि श्री कांशीराम के सम्मान में बसपा सरकार ने कई भव्य व ऐतिहासिक महत्व के स्मारक/स्थल/पार्क के साथ ही कई ग्राण्ड विश्वविद्यालय, कालेज, अस्पताल के साथ ही नए जिले आदि बनाए जो उनके विरोधियों को नहीं अच्छा लगा और उनकी सरकार बनते ही विद्वेषपूर्ण व जातिवादी कार्रवाई करते हुए उनमें से सपा सरकार द्वारा कई के नाम बदल डाले।