- ट्रंप बोले, 'ईरान में या तो शांति होगी या विनाश', ईरान ने इजरायल पर दागी मिसाइलें

ट्रंप बोले, 'ईरान में या तो शांति होगी या विनाश', ईरान ने इजरायल पर दागी मिसाइलें

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैंने बहुत पहले ही तय कर लिया था कि मैं ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दूंगा। अगर ईरान ने शांति स्थापित नहीं की तो अमेरिका और भी बड़ा हमला करेगा।

ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैंने बहुत पहले ही तय कर लिया था कि मैं ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दूंगा। ईरान न सिर्फ इजरायल बल्कि अमेरिका के लिए भी खतरा है। ईरान पिछले 40 सालों से अमेरिका और इजरायल के विनाश की बात करता आ रहा है। अगर ईरान ने शांति स्थापित नहीं की तो और भी बड़ा हमला होगा। डोनाल्ड ट्रंप जब अमेरिकी राष्ट्रपति आवास व्हाइट हाउस से देश को संबोधित कर रहे थे तो उनके पीछे उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ मौजूद थे।

ईरान ने इजरायल पर हमला किया


अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने इजरायल पर हमले तेज कर दिए हैं। आज अमेरिका द्वारा उसके तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद ईरान ने तेल अवीव पर बड़ी संख्या में बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले में इजरायल के मध्य और उत्तरी इलाकों में 23 लोग घायल हुए हैं। ईरान ने आज मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में एक व्यक्ति को फांसी पर लटका दिया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी हमले की निंदा की है।
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हमारा उद्देश्य दुनिया को बचाना है


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमारा उद्देश्य ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना और दुनिया को परमाणु खतरे से बचाना है। आज मैं कह सकता हूं कि यह हमला एक बड़ी सैन्य सफलता थी। अब मध्य पूर्व के ताकतवर लोगों को शांति स्थापित करनी चाहिए। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने अमेरिकी हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। संगठन ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर ईरान के विकास को रुकने नहीं देगा। ईरान की परमाणु प्रगति हर हाल में जारी रहेगी।

इजरायली पीएम ने ट्रंप को धन्यवाद दिया


इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी है। नेतन्याहू ने कहा, धन्यवाद राष्ट्रपति ट्रंप, आपने ईरान के अंदर परमाणु ठिकानों पर हमला करने का कड़ा कदम उठाया है। इससे इतिहास बदल जाएगा। इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान पर प्रभावी हमले किए, लेकिन अमेरिका का हमला वाकई बेमिसाल था। दुनिया का कोई भी देश वह नहीं कर सकता जो अमेरिका ने आज रात किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास याद रखेगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों यानी परमाणु हथियारों से दुनिया की सबसे खतरनाक ईरानी हुकूमत को दूर रखने के लिए जरूरी कदम उठाए।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने जताई चिंता

अमेरिकी हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इसे खतरनाक वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बताया है। गुटेरेस ने सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील की और कहा कि इस संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है, आगे का रास्ता सिर्फ और सिर्फ बातचीत और कूटनीति से ही निकलेगा।

राष्ट्रपति ट्रंप व्हाइट हाउस से निगरानी कर रहे थे

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस से हमले की निगरानी कर रहे थे। व्हाइट हाउस ने सिचुएशन रूम की कुछ तस्वीरें जारी की हैं। जहां राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी पूरी टीम एक साथ बैठकर ऑपरेशन की निगरानी कर रही थी। राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और नेशनल इंटेलिजेंस से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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इजराइल में सब कुछ बंद

ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद इजराइल में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्कूल, दफ्तर, भीड़भाड़ वाली जगहों के अलावा सभी आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने सब कुछ बंद करने का आदेश दिया है। देशभर में सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही चालू रहेंगी। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे होम फ्रंट कमांड के आधिकारिक चैनलों, नेशनल इमरजेंसी पोर्टल और मोबाइल ऐप पर दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और उनका पालन करें।

आज युद्ध का दसवां दिन है

आज इजराइल और ईरान के बीच युद्ध का 10वां दिन है। इजराइल ने 13 जून को ईरान के खिलाफ ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया था। ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था। जवाब में ईरान ने अगले दिन ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 शुरू किया था। हमले में अब तक कुल 700 लोग मारे गए हैं, जबकि 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

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