इस मामले में एनआईए मध्य प्रदेश समेत पंजाब के अनेक नेताओं और नामचीन लोगों के यहां छापामार कार्रवाई भी कर सकती है। इसमें कांग्रेस के आला नेता भी जांच एजेंसी के दायरे में आ सकते हैं। खासतौर पर तब जबकि 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, केंद्र की भाजपा सरकार चुनाव प्रभावित करने वाले इस मामले को हल्के में नहीं लेगी। कहा जा रहा है कि बहुत जल्द वीडियो वायरल करने और उसे प्रचारित करने के मामले में अनेक नेता और नामचीन लोग हिरासत में भी लिये जा सकते हैं।गौरतलब है कि 5 नवंबर को वायरल हुए पहले वीडियो के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र तोमर ने मुरैना के सिविल लाइन थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसके चंद दिनों बाद मतदान के पांच दिन पहले 500 करोड़ रुपये के लेन-देन वाला कथित वीडियो वायरल हुआ, जिसे लेकर कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर हमला बोला और बड़े लेन-देन का आरोप लगाया। इस पर भाजपा ने वायरल वीडियोज को नकली और फेक करार दिया। अभी मामला शांत भी नहीं हुआ था कि तीसरा वीडियो वायरल हो गया। वायरल हुए तीसरे वीडियो के कनाडा से तार जुड़े हैं, केंद्र ने इसे गंभीरता से लिया है।
सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले को लेकर जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। बहुत जल्द मध्य प्रदेश, पंजाब में धरपकड़ शुरु हो सकती है।गौरतलब है कि दूसरा वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने सवाल किया था कि इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुप क्यों हैं। जांच एजेंसियां कार्रवाई क्यों नहीं कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ तब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने वायरल वीडियो को फेक करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि यह कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है। अब जबकि वायरल वीडियोज पर कनाडा और खालिस्तान जैसे एंगल जुड़ रहे हैं, तो इसे बड़ी साजिश का यह हिस्सा बताकर विपक्षियों को चुप कराया जाएगा।