मुख्यमंत्री ने कहा कि वाणावर की गुफाएँ भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को उजागर करती हैं। इसका विकास अत्यंत आवश्यक है, ताकि यह क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संरक्षित रहे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को अचानक जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड के वाणावर पहुँचे। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले वाणावर के पाताल गंगा श्रावणी मेले की तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधाओं का जायजा लिया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री वाणावर पहाड़ी पर स्थित मौनिया बाबा के दर्शन के लिए भी गए।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखें- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री को वाणावर की मानव निर्मित गुफा भी देखनी थी, लेकिन ऊँचाई और गर्मी के कारण मुख्यमंत्री मौनिया बाबा के मंदिर के पास से ही लौट गए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं में कोई कमी न हो। जलाभिषेक करने में उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखें।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वाणावर की गुफाएँ भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को उजागर करती हैं। इस क्षेत्र को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से संरक्षित रखने के लिए इसका विकास अत्यंत आवश्यक है। यहाँ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। बराबर (वाणावर) गुफाएँ जहानाबाद जिले में स्थित हैं। ये गुफाएँ भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे प्राचीन शैलकृत गुफाओं में गिनी जाती हैं।
इनका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक (273-232 ईसा पूर्व) और उनके उत्तराधिकारी दशरथ के शासनकाल में हुआ था। ये गुफाएँ विशेष रूप से आजीविक संप्रदाय के ऋषियों के लिए बनवाई गई थीं, जो उस समय एक प्रभावशाली धार्मिक संप्रदाय था। बराबर पहाड़ी में कुल चार मुख्य गुफाएँ हैं - कर्णचौपर गुफा, लोमस ऋषि गुफा, सुदामा गुफा और विश्वज्योति गुफा - इनमें से सुदामा और लोमस ऋषि गुफाएँ स्थापत्य कला की दृष्टि से विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
इन गुफाओं की सबसे अनूठी विशेषता इनका चिकना और अत्यधिक परिष्कृत पॉलिश किया हुआ आंतरिक भाग है। यह मौर्यकालीन पत्थर पॉलिशिंग तकनीक का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस तकनीक के कारण गुफाओं के अंदर की दीवारें दर्पण की तरह चमकती हैं और ध्वनि गूंजती है, जिससे यह ध्यान के लिए उपयुक्त स्थान बन जाता है।
50 करोड़ रुपये की विकास योजना पर काम जारी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2025 में 'प्रगति यात्रा' के दौरान बराबर गुफाओं और उसके आसपास के क्षेत्र के समग्र विकास की घोषणा की थी। इसके लिए 50 करोड़ रुपये की विकास योजना स्वीकृत की गई थी। इस विकास योजना में सीढ़ियों का निर्माण, पर्यटक सुविधाओं का विकास और एक लघु संग्रहालय का पुनर्निर्माण एवं जीर्णोद्धार शामिल है।
इस दौरान जदयू के जिला अध्यक्ष दिलीप कुशवाहा और स्थानीय लोगों ने अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं और अपेक्षाओं को मुख्यमंत्री के सामने रखा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह दौरा प्रशासनिक सतर्कता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इधर, स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से सीएम नीतीश कुमार पहली बार बाबा की नगरी वाणावर आए हैं। उनके आगमन से हम बेहद खुश और आशान्वित हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल 12 अगस्त को इसी वाणावर मेले में बाबा सिद्धेश्वरनाथ मंदिर के पास मची भगदड़ में 8 लोगों की मौत हो गई थी और इस साल जिला प्रशासन इसे लेकर पूरी तरह सतर्क है. डीएम अलंकृता पांडेय और एसपी विनीत कुमार खुद पूरी रात जागकर वाणावर मेले का जायजा ले चुके हैं और इस साल मेले में सीएम नीतीश कुमार का अचानक आना अहम माना जा रहा है.