नई दिल्ली । उगते हुए सूर्य को सोमवार को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हुआ। इस दौरान 36 घंटे का निर्जला व्रत रख महिलाओं ने छठ मैया से परिवार एवं संतान की सुख समृद्धि की कामना की। लाखों की संख्या में व्रती महिलाओं ने जगह-जगह घाटों पर अपनी आस्था की उपस्थिति दर्ज करवाई।
यह पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्य में बड़े धूम-धाम के साथ मनाया गया।सोमवार को छठ पर्व का चौथा और आखिरी दिन था। छठ पूजा का व्रत घर की महिलाएं रखती हैं। यह व्रत छठी मैया और सूर्य भगवान को समर्पित होता है। मान्यता है कि छठी मैया निसंतान दांपतियों को संतान का वर्दान देती हैं और घर की सुख-समृद्धी का भी आशीर्वाद देती है। इस वजह से महिलाएं छठ पर्व का व्रत रखती है। जिससे उनकी संतान को दीर्घायु की प्राप्ति हो और जिनकी संतान नहीं हैं, उन विवाहित दंपतियों को संतान का सुख मिले। इस व्रत को पूरे नियम के साथ रखना चाहिए तभी इसका फल प्राप्त होता है।