लखनऊ । कईं इजेंसियों के काम करने के बावजूद भी अतीक हत्याकांड के छह आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर बने हुए हैं। गौरतलब है कि वकील उमेश पाल, गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्याएं इस साल उत्तर प्रदेश के सबसे चर्चित अपराध मामलों में से एक रही हैं। फरवरी में प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या हुई थी, जबकि अप्रैल में उसी शहर में अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कई एजेंसियों द्वारा मामलों की छानबीन करने के बावजूद छह मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पहुंच से बाहर हैं।
छह वांछित व्यक्तियों में शूटर साबिर, गुड्डु मुस्लिम, अरमान और तीन महिलाएं शाइस्ता परवीन, जैनब और आयशा नूरी शामिल हैं, सभी पर साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है। जहां गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर के सिर पर 5-5 लाख रुपये का नकद इनाम है, वहीं शाइस्ता परवीन पर भी 50,000 रुपये का इनाम है। जैनब (मारे गए अशरफ की पत्नी) और आयशा नूरी (अशरफ की बहन) के सिर पर कोई नकद इनाम नहीं है।
गौश्रतलब है कि 24 फरवरी को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह वकील उमेश पाल सुलेमसराय इलाके में उनके आवास के बाहर हत्या कर दी गई थी। हालांकि, पुलिस ने कथित तौर पर गोलीबारी में शामिल असद (अतीक अहमद का बेटा), गुलाम (शूटर), उस्मान उर्फ विजय (शूटर) और अरबाज सहित चार मुख्य आरोपियों को अलग-अलग मुठभेड़ों में मार गिराने का दावा किया है, सनसनीखेज गोलीबारी के बाद से पुलिस को अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि तीन प्रमुख शूटर, जिनमें गुड्डु मुस्लिम, साबिर और अरमान शामिल हैं, कहां हैं। मामले की जांच में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार निशानेबाजों का मुख्य रूप से पता नहीं चल पाया है क्योंकि वे अब मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर रहे हैं जिससे उन्हें ट्रैक करने में मदद मिल सकती थी।