इससे पहले, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने समानांतर सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू की आलोचना की थी और उनसे पुनर्विचार करने को कहा था। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, कि मैं सिद्धू साहब से गंभीरता के साथ काम करने की अपील करता हूं। आपके राष्ट्रपति काल में पार्टी 78 से गिरकर 18 सीटों पर आ गयी। इसलिए आप शांति पूर्वक पार्टी कैडर के साथ आगे बढ़ें।
कांग्रेस के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच जुबानी जंग तब शुरू हुआ जब नवजोत सिंह सिद्धू ने खुद को मजबूत करने की कोशिश में समानांतर बैठकें और रैलियां करना शुरू कर दिया। पंजाब कांग्रेस के नेताओं द्वारा आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन न करके अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले का भी सिद्धू ने विरोध किया।
सिद्धू द्वारा इंडिया ब्लॉक का समर्थन करने के बाद, पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा, कि कुछ नेता पार्टी की आचार संहिता में विश्वास न कर पार्टी को कमजोर करने पर तुले हुए हैं, जिससे किसी को कोई फायदा नहीं होगा। मैं अपील करना चाहता हूं कि सीट बंटवारे पर कोई भी निर्णय लेने से पहले कांग्रेस नेतृत्व को लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखना होगा। इस बीच, पांच पूर्व विधायकों समेत नवजोत सिंह सिद्धू गुट के नेताओं ने प्रतिद्वंद्वी गुट के नेता पर उपेक्षा का आरोप लगाया । सिद्धू गुट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया,कि हमें किसी भी पार्टी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाता इससे पार्टी कार्यकर्ता खुद को नजरअंदाज महसूस कर रहे थे। जब नवजोत सिद्धू ने मौजूदा सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने के लिए एक रैली को संबोधित किया तो उन पर निशाना साधा गया।