नई दिल्ली। बीते कई महीनों से इजरायल और हमास के बीच जंग चल रही है। खुलेआम कत्ल हो रहे हैं चौतरफा खूनी संघर्ष हो रहा है। इजरायल, हमास को खत्म करने के संकल्प को पूरा करने में लगा हुआ है। जबकि युद्ध से थककर अब हमास अमेरिका के आगे हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते हुए कहा रहा है कि इस युद्ध को रुकवा दीजिए। हमास अमेरिका समर्थित संघर्ष विराम प्लान मानने को तैयार है। इतना ही नहीं, हमास ने अमेरिका से गुहार लगाई है। हमास ने अमेरिका से कहा कि वह इजरायल पर परमानेंट गाजा सीजफायर के लिए दवाब बनाए। हमास ने एक बयान में कहा कि उसने इजरायल के साथ युद्ध विराम समझौते पर पहुंचने के प्रयासों में ‘पूर्ण सकारात्मकता’ दिखाई है। उसने अमेरिका से गाजा में स्थायी युद्ध विराम को स्वीकार करने के लिए इजरायल पर दबाव डालने का अनुरोध किया है। हमास ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी कह रहे हैं कि इजरायल ने 31 मई को राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा लाए गए युद्ध विराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। मगर हमने अब तक किसी भी इजरायली अधिकारी से यह नहीं सुना है कि उन्हें यह प्रस्ताव मंजूर है। हमास ने बयान में कहा, ‘वे लेटेस्ट युद्ध विराम प्रस्ताव पर इजरायल की सहमति के बारे में बातें तो कर रहे हैं, लेकिन हमने किसी भी इजरायली अधिकारी को इस पर बोलते नहीं सुना है।’ हमास ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से इजरायल पर स्थायी युद्ध विराम पर सहमत होने के लिए प्रत्यक्ष रूप से दबाव डालने का आग्रह किया गया। सुरक्षा परिषद ने गाजा में इजराइल और हमास के बीच 8 महीने से जारी युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से सोमवार को अपने पहले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अमेरिका समर्थित संघर्ष विराम प्रस्ताव की घोषणा राष्ट्रपति जो बाइडन ने की। अमेरिका का कहना है कि इजराइल ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, हमास को यकीन नहीं हो रहा है कि इजरायल ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। हमास ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया था। हमास इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए इजराइल के साथ सीधी बातचीत न कर मध्यस्थों के साथ कार्य करने के लिए तैयार है। हालांकि, हमास ने इस बात पर जोर दिया है कि चरमपंथी समूह इजराइल के कब्जे को समाप्त करने के लिए ‘अपना संघर्ष’ जारी रखेगा और फलस्तीन को पूर्णतया संप्रभु देश बनाने के लिए काम करता रहेगा। दरअसल, इजरायल ने हमास को खत्म करने की कसम खाई है। 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था। इस हमले में इजरायल को काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद इजरायल ने हमास को खत्म करने के लिए पलटवार किया और युद्ध का ऐलान कर दिया। तब से इजरायल और हमास में जंग जारी है। गाजा पट्टी खंडहरों का शहर बन चुका है। हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। इजरायली हमले में हमास के काफी लड़ाके मारे जा चुके हैं। यही वजह है कि हमास अब इजरायल से युद्ध नहीं चाहता है। बीते दिनों संयुक्त राष्ट्र ने युद्ध विराम प्रस्ताव को मंजूरी दी।बता दें कि सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों में से 14 ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए बहुमत से मंजूरी दी, हालांकि रूस मतदान से नदारद रहा। इस प्रस्ताव में इजराइल और हमास से बिना किसी शर्त और विलंब के इसके नियमों को पूर्ण रूप से लागू करने का आह्वान किया गया है। अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि मतदान के बाद परिषद ने हमास को स्पष्ट संदेश दिया है कि उसे संघर्ष विराम समझौते को स्वीकार करना ही होगा। उन्होंने दोहराया कि इजराइल ने इस समझौते को स्वीकार कर लिया है, जिसका समर्थन दुनियाभर के देशों ने किया है।