- पूर्वोत्तर में बारिश ने मचाई तबाही, दो दिन में बाढ़ और भूस्खलन से 30 की मौत; असम में 24 घंटे में 8 लोगों की मौत

पूर्वोत्तर में बारिश ने मचाई तबाही, दो दिन में बाढ़ और भूस्खलन से 30 की मौत; असम में 24 घंटे में 8 लोगों की मौत

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में लगातार बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। पिछले दो दिनों में 30 लोगों की मौत हो गई है। असम में पिछले 24 घंटों में 8 लोगों की मौत हो गई है। मौसम विभाग ने असम के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया है। 


नई दिल्ली। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण दो दिनों में 30 लोगों की मौत हो गई है। 1 जून को भूस्खलन और अचानक बाढ़ के कारण 14 लोगों की मौत हो गई है। कितने लोग प्रभावित हुए? असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और मणिपुर भूस्खलन और बाढ़ से काफी प्रभावित हुए हैं। असम के 12 जिलों में कम से कम 60 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।

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 असम में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 8 लोगों की मौत हो गई है और अरुणाचल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 9 लोगों की मौत हो गई है। अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी कामेंग जिले में भूस्खलन के बाद सड़क से कार बह जाने से दो परिवारों के सात सदस्यों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट मौसम विभाग ने असम के कुछ हिस्सों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट तथा शेष पूर्वोत्तर के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। 

असम में पिछले 24 घंटों में लगातार बारिश के बाद भूस्खलन से 8 लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही छह जिलों में बाढ़ आ गई है, जिससे 10 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि सभी पांच मौतें कामरूप मेट्रोपोलिटन जिले में हुई हैं। राज्य के शहरी मामलों के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा कि गुवाहाटी के बाहरी इलाके बोंडा में भूस्खलन में तीन महिलाओं की मौत हो गई। 

67 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा गुवाहाटी में एक दिन में 111 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसने 67 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। ब्रह्मपुत्र समेत पूर्वोत्तर की कई नदियों का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। सिक्किम के मंगन इलाके में भारी बारिश के बाद तीस्ता नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। इसके साथ ही उत्तरी सिक्किम में निर्माणाधीन संकालंग पुल का एक हिस्सा भारी बारिश के कारण तीस्ता नदी में बह गया। यह पुल उत्तरी सिक्किम के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जोंगू, चुंगथांग, लाचुंग और लाचेन को बाकी इलाके से जोड़ने वाली एकमात्र संपर्क सड़क है।

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