जनता दल यूनाइटेड के नेता केसी त्यागी ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के उन आरोपों का जवाब दिया है, जिन पर राहुल गांधी ने एस जयशंकर को घेरा था। केसी त्यागी ने कहा कि कांग्रेस नेता को संकट के समय में इस तरह के आपत्तिजनक बयान नहीं देने चाहिए।
नई दिल्ली। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता केसी त्यागी ने शनिवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ऑपरेशन सिंदूर वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि संकट के समय में किसी को भी इस तरह के आपत्तिजनक बयान नहीं देने चाहिए।
केसी त्यागी ने राहुल पर साधा निशाना
त्यागी ने कहा, "ऐसे संकट के समय में किसी को भी इस तरह के आपत्तिजनक और अनावश्यक बयान नहीं देने चाहिए।" बता दें, शुक्रवार को राहुल गांधी ने भाजपा नीत एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत की विदेश नीति ध्वस्त हो गई है।
इसके अलावा केसी त्यागी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें 2047 तक विकसित भारत के विजन पर चर्चा की गई। जेडीयू नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री ने 2047 तक विकसित भारत की अवधारणा पर बैठक की। हमारे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे।"
राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाए?
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "पाकिस्तान की निंदा करने में एक भी देश हमारे साथ क्यों नहीं आया? ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच 'मध्यस्थता' करने के लिए किसने कहा?" विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक मीडिया आउटलेट को दिए गए इंटरव्यू का वीडियो रीपोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, "भारत की विदेश नीति ध्वस्त हो गई है।
" इससे पहले राहुल गांधी ने विदेश मंत्री जयशंकर से सवाल किया था और उनसे पूछा था, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने भारतीय वायुसेना के कितने विमान खोए?" राहुल गांधी ने विदेश मंत्री पर निशाना साधा कांग्रेस सांसद ने एक्स पर लिखा, "विदेश मंत्री जयशंकर की चुप्पी निंदनीय है। इसलिए मैं फिर से पूछूंगा कि हमने कितने भारतीय विमान खो दिए क्योंकि पाकिस्तान को पता था? यह कोई चूक नहीं थी। यह एक अपराध था।
और देश को सच जानने का अधिकार है।"
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया और जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया।