- 'सरकार पर भरोसा कर लोग पहलगाम गए थे, हमले का जिम्मेदार कौन?', प्रियंका गांधी ने संसद में उठाया सुरक्षा चूक का मुद्दा

'सरकार पर भरोसा कर लोग पहलगाम गए थे, हमले का जिम्मेदार कौन?', प्रियंका गांधी ने संसद में उठाया सुरक्षा चूक का मुद्दा

प्रियंका गांधी ने पहलगाम को सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चूक बताया और कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि ऐसी घटनाएं क्यों और कैसे हो रही हैं। उन्होंने कहा कि आप इतिहास की बात करें, मैं वर्तमान की बात करूँगी।

लोकसभा में मंगलवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और इतिहास की बात की, लेकिन यह नहीं बताया कि पहलगाम में हमला कैसे हुआ?

सेना के शौर्य को नमन करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि 1948 में पाकिस्तान की पहली घुसपैठ से लेकर अब तक हमारी सेना ने देश की अखंडता को बनाए रखने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने कहा, 'मंत्रियों ने सभी पहलुओं पर बात की, इतिहास भी सुनाया, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह छूट गया कि पहलगाम में हमला कैसे और क्यों हुआ?'

लोग सरकार पर भरोसा करके वहाँ गए थे - प्रियंका

वायनाड सांसद ने इस दौरान शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी का भी ज़िक्र किया और कहा, 'लोग सरकार पर भरोसा करके वहाँ गए थे, लेकिन सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया। इस हमले का ज़िम्मेदार कौन है? क्या नागरिकों की सुरक्षा रक्षा मंत्री और गृह मंत्री की ज़िम्मेदारी नहीं है?'

आतंकवादी संगठन टीआरएफ की स्थापना, उसकी गतिविधियों और उस पर लगे आतंकवाद के आरोपों का ज़िक्र करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, 'अगर सरकार की किसी भी एजेंसी को इस भीषण हमले की भनक तक नहीं लगी, तो यह एक गंभीर ख़ुफ़िया विफलता है।'

जब गौरव गोगोई बोल रहे थे, तो गृह मंत्री हँस रहे थे - प्रियंका गांधी

उन्होंने इसे सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी चूक बताया और कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि ऐसी घटनाएँ क्यों और कैसे हो रही हैं। प्रियंका ने कहा, 'आप इतिहास की बात करते रहिए, मैं वर्तमान की बात करूँगी। आप पिछले 11 सालों से सत्ता में हैं। कल जब गौरव गोगोई ज़िम्मेदारी तय करने की बात कर रहे थे, तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गंभीर दिख रहे थे, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह हँस रहे थे।'

मुंबई हमले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, 'उन्होंने आरोप लगाया कि मनमोहन सरकार ने 26/11 के बाद कुछ नहीं किया, जबकि सच्चाई यह है कि हमले के दौरान ही तीन आतंकवादी मारे गए थे, एक को ज़िंदा पकड़ा गया था और बाद में उसे फांसी दे दी गई थी। उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री, दोनों ने इस्तीफ़ा दे दिया था।'

दिल्ली में दंगों के बाद पहलगाम हुआ, लेकिन गृह मंत्री ने इस्तीफ़ा नहीं दिया - प्रियंका

प्रियंका ने कहा, 'उरी और पुलवामा हमलों के समय राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे और आज रक्षा मंत्री हैं। अमित शाह के कार्यकाल में मणिपुर जल रहा है, दिल्ली में दंगे हुए और अब पहलगाम हमला हुआ, फिर भी वह गृह मंत्री क्यों हैं? देश यह जानना चाहता है।'

उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद पूरा देश एकजुट हो गया था और अगर ऐसा हमला दोबारा होता है, तो देश फिर से एकजुट होगा। अगर देश पर हमला होता है, तो हम सरकार के साथ खड़े होंगे, लेकिन सवाल भी पूछेंगे।

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