30 जुलाई, 2025 को जापान में आने वाली सुनामी की भविष्यवाणी रियो तात्सुकी नाम की एक मंगा कलाकार ने कई साल पहले ही कर दी थी। अब उनकी तुलना बाबा वेंगा से की जा रही है।
30 जुलाई, 2025 को जापान में 16 अलग-अलग जगहों पर सुनामी की लहरें आईं, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया। सिर्फ़ जापान ही नहीं, ये लहरें अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया और हवाई तक पहुँच गईं और रूस का कामचटका क्षेत्र 8.8 तीव्रता के भूकंप से हिल गया।
इन घटनाओं के बीच, अचानक एक नाम फिर से सुर्खियों में है, वो है रियो तात्सुकी। वे एक जापानी मंगा कलाकार हैं, उन्होंने सालों पहले एक ग्राफ़िक उपन्यास के ज़रिए इस सुनामी की भविष्यवाणी की थी। आज जब उनकी भविष्यवाणी सच होती दिख रही है, तो लोग उन्हें जापान की बाबा वेंगा कहने लगे हैं।
रियो तात्सुकी कौन हैं? और उनकी तुलना बाबा वेंगा से क्यों की जा रही है?
रियो तात्सुकी एक प्रसिद्ध मंगा कलाकार हैं जो न सिर्फ़ ग्राफ़िक उपन्यासों के ज़रिए कहानियाँ सुनाती हैं, बल्कि भविष्य की एक झलक भी दिखाती हैं। उनका पहला लोकप्रिय ग्राफिक उपन्यास 'द फ्यूचर आई सॉ' 1999 में प्रकाशित हुआ था। इसमें उन्होंने 2011 की जापान सुनामी और फुकुशिमा आपदा का ज़िक्र किया था - जो 12 साल बाद सच साबित हुई।
उनकी तुलना बाबा वंगा से क्यों की जा रही है?
बाबा वंगा बुल्गारिया की एक प्रसिद्ध भविष्यवक्ता थीं, जिन्होंने 9/11, चेरनोबिल आपदा और सोवियत संघ के विघटन जैसी घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी की थी। रियो तात्सुकी वैज्ञानिक आधार से परे, चित्रों और कहानियों के माध्यम से आने वाली आपदाओं का भी चित्रण करती हैं। अब उनकी भविष्यवाणी के अनुसार, जुलाई 2025 में जापान में एक भयानक सुनामी आने वाली थी और यह 30 जुलाई को सच होती दिख रही है।
'द फ्यूचर आई सॉ' के नए संस्करण में 2025 की सुनामी की भविष्यवाणी की गई है।
2021 में प्रकाशित इस ग्राफिक उपन्यास के नए संस्करण में, रियो तात्सुकी ने जुलाई 2025 में जापान में भारी समुद्री हलचल और सुनामी का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है। उन्होंने पुस्तक में उल्लेख किया है कि जापान के पूर्वी तट पर एक बड़ा समुद्री भूकम्प आएगा। गर्मी के मौसम में, जब लोग आराम की तलाश में होंगे, पानी की दीवारें उन्हें अपनी चपेट में ले लेंगी।
सुनामी लहरें उठने पर क्या हुआ?
30 जुलाई, 2025 को जापान के विभिन्न तटीय क्षेत्रों में 16 से ज़्यादा जगहों पर लहरें दर्ज की गईं। इस दौरान सरकारी आपातकालीन सायरन लगातार बजते रहे। 19 लाख से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।