- एक बार फिर अन्नदाता की उम्मीदों पर फिरा पानी, ओलों का फसल पर बज्रपात

एक बार फिर अन्नदाता की उम्मीदों पर फिरा पानी, ओलों का फसल पर बज्रपात

फसलों में हुए नुकसान का आकलन करने पहुंचे कलेक्टर, गठित किए सर्वे दल
फसल बर्बादी की पीड़ा में जनप्रतिनिधि भी पहुंचे किसानों के बीच, दिलाया मदद का भरोसा
घाटीगांव ब्लॉक के लगभग आधा दर्जन से अधिक गांवों में ओलों से हुई भारी तबाही

डबरा (बेजोड रत्न)। शुक्रवार शाम करीब 4 बजे तेज गर्जना शुरू हो गई, और अचानक झमाझम बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई जिसके कारण कई ग्रामों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ओलों की बारिश से बचने के लिए लोग घरों में घुस गए तो खुले में बंधे कई मवेशी तो बचने के लिए खूटे तोड़ कर इधर-उधर दौड़ने लगे। यह स्थिति शुक्रवार देर शाम घाटीगांव ब्लॉक के लगभग आधा दर्जन ग्रामों में बनी रही। इस ओलावृष्टि से खेतों में पीले सोने के रूप में पीले फूलों से लहरा रही सरसों की फसल और गेहूं की फसल को सर्वाधिक नुकसान है, जिसे लेकर किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं।

फसलें हुई तबाह, किसानों की मेहनत पर फिरा पानी........

यूं तो खेतों में वर्तमान में गेहूं, चना, मटर, सरसों, जौ आदि की फसल है, बीते रोज शुक्रवार को घाटीगांव क्षेत्र के रानी घाटी बराहना, बड़केगांव, सेकरा, पाठई, सभराई, बन्हेरी सहित अन्य गांव में भीषण ओलाबारी में फसलों का काफी नुकसान हुआ। ओलावृष्टि के चलते, गेहूं सरसों, चना, मटर इत्यादि की फसल में फूल और फली आ गई थी, जो ओलों की मार के कारण टूट कर खेतों में बिखर गई जिससे सबसे ज्यादा नुकसान संबंधित ग्रामों के किसानों द्वारा तैयार की जा रही गेहूं  सरसों की फसल में 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है। तो वहीं अन्य रवि सीजन की फसलों में 60 से 80 प्रतिशत नुकसान बताया जा रहा है।

ऐसा सितम ढाया की महीनों की मेहनत और गाड़ी खून पसीने सी तैयार की गई फसल.....

हालांकि सरसों की तरह सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भी ओलावृष्टि की मार झेलना पड़ी जिसके चलते आलू, टमाटर में भी सर्वाधिक नुकसान हुआ है। जिस के संबंध किसानों ने बताया कि मेरे द्वारा सफेद मूसली, काला गेहूं, टमाटर, मटर, आलू, गेहूं, चना, सरसों आदि की अलग-अलग अॉर्गेनिक रूप से खेती तैयार की गई थी लेकिन शाम को  नींबू के आकार के गिरे ओलों के कारण पूरी खेती बर्बाद हो गई। घाटीगांव ब्लॉक के ग्राम सबराई निवासी कृषक ने बताया कि आसपास के 8 से 10 गांव में लगभग 10 से 15 दिन बाद खेतों में उम्दा रूप से खड़ी सरसों की फसल कटाई पर आ जाती लेकिन कुदरत के कहर ने ऐसा सितम ढाया की महीनों की मेहनत और गाड़ी खून पसीने सी तैयार की गई फसल को चंद मिनटों में मटिया मेंट कर दिया, साथ ही बताया कि खेतों की हालत ऐसी हो गई है कि ऐसा लगता है किसी ने फसल के पौधों को काटकर खेतों में डाल दिया है। और ये हमारे खेत कश्मीर बन गया हो।

ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करने कलेक्टर तड़के ही पहुंचे घाटीगांव.......

गत दिवस अंचल में हुई भारी ओलावृष्टि के कारण किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए आज शनिवार को कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह तड़के ही ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर निकले और उन्होंने खेतों में जाकर किसानों की फसलों को देखा तथा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसल बीमा करने वाली कंपनी को सूचित करें जिससे उनके प्रतिनिधि आकर फसल का आकलन कर सकें। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि जहां जिन किसानों का भी नुकसान हुआ है उनका आकलन कर उन्हें नुकसान की भरपाई कराई जाएगी। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के साथ एसडीएम घाटीगांव अनिल बनबरिया, तहसीलदार श्रीमती योगिता बाजपेई, श्रीमती वंदना यादव सहित संबंधित क्षेत्रों के पटवारी एवं अन्य राजस्व अमला उपस्थित रहा।

किसानों की फसलों का आंकलन करने पहुंचे यह जनप्रतिनिधि.....

इस अवसर पर दौरे में उनके साथ ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन सिंह राठौड़, जिला अध्यक्ष कौशल शर्मा, पूर्व विधायक जवाहर रावत, भितरवार नगर परिषद अध्यक्ष कुलदीप अग्रवाल, भाजपा प्रदेश किसान मोर्चा कार्यसमिति सदस्य डॉ राधे लाल अग्रवाल, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सत्येंद्र धाकड़, शिव सिंह गुर्जर, अनिल सिंह चैहान, श्रीपत आदिवासी, नरेश रावत, साहित प्रशासन के कलेक्टर अक्षय कुमार जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी, एसपी अमित सांघी, एसडीएम अनिल वनवारिया सहित भाजपा के कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।


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