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भारत-बांग्लादेश: बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध से भारत चिंतित, शीघ्र चुनाव की मांग
भारत ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर बिना उचित प्रक्रिया के प्रतिबंध लगाने का फैसला चिंताजनक है। नई दिल्ली ने बांग्लादेश में जल्द से जल्द स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने की भी मांग की है। साथ ही कहा कि भारत स्वाभाविक रूप से लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के कमजोर होने को लेकर चिंतित है।
नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर बिना उचित प्रक्रिया के प्रतिबंध लगाने का फैसला चिंताजनक है। नई दिल्ली ने बांग्लादेश में जल्द से जल्द स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने की भी मांग की है।
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 12 मई को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था।
अवामी लीग पर प्रतिबंध चिंताजनक है
अवामी लीग पर बिना उचित प्रक्रिया के प्रतिबंध लगाना चिंताजनक है। एक लोकतंत्र के रूप में, भारत स्वाभाविक रूप से लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के कमजोर होने को लेकर चिंतित है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा। हम बांग्लादेश में जल्द से जल्द स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराने का समर्थन करते हैं।
ढाका ने कहा है कि आवामी लीग और उसके सभी संबद्ध संगठनों की सभी गतिविधियों पर तब तक प्रतिबंध रहेगा, जब तक आवामी लीग के नेताओं और सदस्यों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में चल रहे मुकदमे का निपटारा नहीं हो जाता।
यूनुस के प्रवक्ता शफीकुल आलम ने जारी किया बयान
भारत की प्रतिक्रिया के बाद यूनुस के प्रवक्ता शफीकुल आलम ने बयान में कहा कि बांग्लादेश की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा, शेख हसीना सरकार के खिलाफ आंदोलन में भाग लेने वाले कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के गवाहों की सुरक्षा के लिए यह प्रतिबंध जरूरी है।
पिछले साल शेख हसीना की आवामी लीग सरकार को गिरा दिया गया था
पिछले साल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक विद्रोह के बाद शेख हसीना की आवामी लीग सरकार को गिरा दिया गया था। इसके चलते शेख हसीना को भारत आना पड़ा था। तब से लेकर अब तक हसीना और उनकी पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ सैकड़ों मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें सामूहिक हत्या और भ्रष्टाचार के मामले भी शामिल हैं।
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