भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति कर्ज 10.8 फीसदी बढ़कर 4.80 लाख रुपये हो गया। परिवारों पर कर्ज बढ़कर जीडीपी का 41.9 फीसदी हो गया है जिसमें होम लोन की हिस्सेदारी बढ़ रही है। गैर-आवासीय खुदरा कर्ज में भी बढ़ोतरी हुई है लेकिन चिंता की बात यह है कि परिवारों की आय की तुलना में खुदरा कर्ज की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है।
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नई दिल्ली। पिछले दो साल के दौरान प्रति व्यक्ति कर्ज में बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2023 में कर्ज का स्तर 3.90 लाख रुपये था जो मार्च 2025 में बढ़कर 4.80 लाख रुपये हो गया है। आरबीआई की ओर से सोमवार को जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में प्रति व्यक्ति कर्ज की राशि में 10.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, यह कोई खास चिंता की वजह नहीं है, क्योंकि इसमें होम लोन की हिस्सेदारी ज्यादा है और साथ ही प्रति व्यक्ति वित्तीय संपत्ति भी बढ़ रही है। 
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत पर विदेशी कर्ज का स्तर जीडीपी के 18.5 प्रतिशत से बढ़कर 19.1 प्रतिशत हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वर्षों में भारत के जीडीपी में परिवारों पर कर्ज का अनुपात 40 प्रतिशत से बढ़कर 41.9 प्रतिशत हो गया है। कुल कर्ज में गैर-आवासीय खुदरा ऋणों की हिस्सेदारी बढ़कर 54.9 प्रतिशत हो गई है। इसे चिंता का कारण माना जा सकता है, क्योंकि इस श्रेणी के ऋण आमतौर पर खर्चों के लिए लिए जाते हैं।
इसी तरह, यह भी चिंता का कारण है कि परिवारों की कुल आय की तुलना में खुदरा ऋणों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। कई अर्थशास्त्री इसे तेज आर्थिक विकास दर और जीवन स्तर में बदलाव से जोड़ते हैं। हालांकि, यह रिपोर्ट यह भी संकेत देती है कि आर्थिक प्रगति और बढ़ती आय के साथ लोगों में कर्ज लेने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। एक से अधिक घर खरीदने वालों की संख्या में वृद्धि परिवारों पर बढ़ते कर्ज में होम लोन की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। चूंकि होम लोन स्थायी संपत्ति के आधार पर लिया जाता है, इसलिए इसका मूल्य भी बढ़ता रहता है।
परिवारों पर कुल लोन में होम लोन की हिस्सेदारी बढ़कर 29 प्रतिशत हो गई है। होम लोन को लेकर एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी सामने आया है कि पुराने होम लोन ग्राहकों से दोबारा अधिक होम लोन लेने वाले ग्राहकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। यानी एक से अधिक घर खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
खराब सिबिल स्कोर वालों पर बैंकों को रखनी चाहिए नजर
यह भी सामने आया है कि बैंकों से होम लोन लेने वाले लोगों में अच्छे सिबिल स्कोर वालों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। इस आधार पर आरबीआई ने कहा है कि परिवारों को लोन देने के मामले में बैंकिंग सिस्टम के सामने कोई खास समस्या खड़ी होती नहीं दिख रही है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अब चूंकि लोन की दरें कम की जा रही हैं और इससे आम जनता पर कर्ज का बोझ कम होगा। ऐसे में जिन परिवारों पर पहले से बैंकिंग लोन है, उन्हें भी राहत मिलेगी। साथ ही आरबीआई ने बैंकों से उन ग्राहकों पर खास नजर रखने को कहा है, जिनका सिबिल स्कोर अच्छा नहीं है।