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मप्र में प्रियंका गांधी करेंगी कांग्रेस का बेड़ा पार?
कर्नाटक में जीत से उत्साहित कांग्रेस को प्रियंका से बड़ी उम्मीद भोपाल । कर्नाटक में बंपर जीत के बाद कांग्रेस की नजर अब आने वाले विधानसभा चुनावों पर है। वहीं इसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। मध्य प्रदेश के महाकौशल में अगले महीने प्रियंका गांधी का रोड शो और पब्लिक रैली होनी है। एमपी में भाजपा की डबल इंजन की सरकार के तिलस्म को तोडऩे के लिए कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी से फिलहाल बड़ी उम्मीद लगाए बैठी है।
माना जा रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में महाकोशल की 38 सीटों पर ही सत्ता का दारोमदार रहेगा। यहां 2018 में भाजपा को मात्र 13 सीट पर ही संतोष करना पड़ा था,जबकि कांग्रेस के खाते में 24 सीट गई थी। एक सीट कांग्रेसी विचारधारा के उम्मीदवार ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीती थी।बता दें कि कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में अपने चुनावी अभियान का श्रीगणेश महाकोशल इलाके से करने जा रही है। दो राज्यों में कांग्रेस को जीत दिलाने वाली स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी 12 जून को महाकोशल की राजनीति के केंद्र जबलपुर से मध्य प्रदेश में मिशन इलेक्शन की शुरुआत करेंगी।
कांग्रेस अभी से जबलपुर में प्रियंका गांधी के रोड शो और आम सभा ऐतिहासिक बनाने की तैयारी में है और इसमें एक से डेढ़ लाख की भीड़ जुटाने का दावा कर रही है। मध्य प्रदेश में 2023 की सत्ता की लड़ाई के लिए महाकोशल में जमकर कशमकश होने वाली है। प्रदेश की सत्ता की चाबी उसी पार्टी के पास होगी,जो राज्य के भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण 6 इलाकों में से 3 में अच्छे मार्जिन से जीत हासिल करेगी।इस हिसाब से कांग्रेस को महाकोशल में 2018 का प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। यही वजह है कि कांग्रेस आदिवासी बहुल महाकौशल इलाके से ही अपनी सबसे बड़ी लीडर प्रियंका गांधी की पब्लिक रैली और रोड़ शो की शुरुआत कर रही है।
पार्टी के प्रचार की कमान संभाली कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा का कहना है कि प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में भी पार्टी के प्रचार की कमान संभाली और पार्टी को दोनों राज्यों में जीत मिली। प्रियंका गांधी की जबलपुर में पहली रैली के पीछे एक भी खास वजह है। चूंकि मालवा और मध्य भारत के इलाकों में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने व्यापक जनसंपर्क किया था। इस वजह से प्रियंका गांधी की रैली के लिए महाकौशल के एपीसेंटर जबलपुर को चुना गया है। वे कहते हैं कि महाकौशल फिलहाल दो वजहों से कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है। पहला, यहां भाजपा सरकार की उपेक्षा के कारण सत्ता विरोधी लहर है। दूसरा, महाकोशल में आदिवासी वोटरों की संख्या अधिक है जो कि कांग्रेस के कोर वोटर कहलाते हैं। महाकौशल में प्रियंका गांधी की रैली होने से विंध्य और बुंदेलखंड के कार्यकर्ता भी चार्ज हो जाएंगे। जबलपुर के नगर कांग्रेस अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह के मुताबिक प्रियंका गांधी 12 जून को पार्टी के चुनाव अभियान और विजय संकल्प-2023 की शुरुआत करेंगी। प्रियंका दो किलोमीटर के दायरे में शहर के मुख्य मार्गों पर रोड शो के साथ एक पब्लिक रैली को भी संबोधित करेंगी। उनका अंतिम कार्यक्रम अगले हफ्ते तक आने की उम्मीद है।
सत्ता की चाबी पांच इलाकों में बंटी राजनीतिक जानकर कहते है कि मध्यप्रदेश में सत्ता की चाबी मुख्यत: पांच इलाकों में बंटी है।प्रदेश को भौगोलिक रूप से महाकोशल, ग्वालियर-चंबल, मध्य भारत, निमाड़-मालवा, विंध्य और बुंदेलखंड इलाके में बांटा गया है। इन इलाकों में जातीय और सामाजिक समीकरण तो अलग-अलग हैं ही,साथ में दोनों दलों के क्षत्रपों का प्रभाव भी है। दरसअल, महाकोशल में जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर, मंडला, डिंडोरी और बालाघाट जिले आते हैं।
यहां के परिणाम हमेशा ही चौकाने वाले रहे हैं। 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को महाकोशल इलाके से निराशा हाथ लगी थी। इसकी बड़ी वजह आदिवासियों की नाराजगी मानी गईं थी। कांग्रेस ने कमलनाथ को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा था। इससे उनके गृह जिले छिंदवाड़ा की सभी 7 सीटें कांग्रेस ने जीत ली थीं। इसी तरह जबलपुर में कांग्रेस को 8 में से 4 सीट मिली थी। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या 2023 के चुनाव में भी कांग्रेस ऐसा ही प्रदर्शन कर पाएगी या भाजपा को बड़ी सफलता मिलेगी?
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