- आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों का बहिष्कार...अमेरिका, सऊदी समेत इन 33 देशों में जाएगा भारतीय प्रतिनिधिमंडल

आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों का बहिष्कार...अमेरिका, सऊदी समेत इन 33 देशों में जाएगा भारतीय प्रतिनिधिमंडल

भारतीय सांसदों का एक दल अगले कुछ दिनों में 33 देशों का दौरा करेगा। इसका उद्देश्य पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने के साथ ही पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करना है। दल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों पर विशेष ध्यान देगा, लेकिन चीन और तुर्की जैसे देशों का दौरा नहीं करेगा।

नई दिल्ली। भारतीय सांसदों का दल अगले कुछ दिनों में दुनिया के कोने-कोने में 33 देशों का दौरा करेगा और वहां के सांसदों, सरकारी प्रतिनिधियों, मीडिया, थिंक टैंक और आम लोगों से मिलकर न सिर्फ पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देगा, बल्कि पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को भी बेनकाब करेगा।

अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप  चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।

youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646

whataapp-https://whatsapp.com/channel/0029VaAG4A190x2t7VvoGu3v


विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा इस दल में विदेश मंत्रालय के कुछ पुराने और अनुभवी राजनयिक भी हैं। सात भागों में बंटे इस दल का दौरा 23 मई से शुरू होकर 3 जून 2025 को खत्म होगा। दल कहां जाएगा, यह तय करते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की मदद करने वाले किसी देश का दौरा न किया जाए। यानी भारतीय दल तुर्की, चीन, अजरबैजान नहीं जा रहा है।

यूएनएससी सदस्य देशों पर फोकस


विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी से यह भी पता चलता है कि उन देशों पर खास ध्यान दिया गया है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य हैं। देखा जाए तो यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में से चीन, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस को छोड़कर बाकी चार देशों का भारतीय प्रतिनिधिमंडल दौरा करेगा।

इसी तरह 10 अस्थायी सदस्यों में से पाकिस्तान और सोमालिया को छोड़कर बाकी आठ अस्थायी सदस्य देशों अल्जीरिया, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, गुयाना, पनामा, स्लोवेनिया और ग्रीस का भारतीय दल दौरा करेगा।

तुर्की और चीन से परहेज


गौरतलब है कि पहलगाम हमले के बाद भी पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन के अलावा यूएनएससी के अन्य स्थायी सदस्यों के प्रमुखों से फोन पर बात की थी। जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को छोड़कर बाकी 10 अस्थायी सदस्यों में से नौ सदस्यों के विदेश मंत्रियों से चर्चा की थी। इन सभी को भारत में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के समर्थन में चल रही गतिविधियों की जानकारी दी गई थी।

विदेश मंत्रालय का मानना ​​है कि जिस तरह से तुर्की और चीन ने पूरे मामले में भारत की बातों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है, ऐसे में अब उन्हें अपना पक्ष बताने का कोई मतलब नहीं है। वैसे भी भारतीय दल इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) के कई सदस्य देशों का दौरा करने वाला है।

इनमें कुवैत, बहरीन, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, मलेशिया, यूएई, कतर, मिस्र शामिल हैं। इनमें से कई देशों के साथ भारत के बेहद पारंपरिक संबंध हैं। जब पहलगाम हमला हुआ था, तब पीएम मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे। सऊदी अरब पाकिस्तान का मित्र देश भी है। 

लेकिन तब सऊदी अरब ने न सिर्फ इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को मदद की पेशकश भी की थी। दल बहरीन और कुवैत भी जाएगा। बाद में ओआईसी की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ बयान भी जारी किया गया था। ऐसे में भारत एक बार फिर ओआईसी देशों को सीमा पार आतंकवाद की समस्याओं से अवगत कराएगा। 

विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एक दल बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया का दौरा करेगा। दूसरी टीम फ्रांस, इटली, डेनमार्क, ब्रिटेन, बेल्जियम और जर्मनी का दौरा करेगी। इसी तरह, एक टीम जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया का दौरा करेगी और दूसरी टीम संयुक्त राष्ट्र, कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया का दौरा करेगी। 

एक अन्य टीम गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और यूएई का दौरा करेगी और दो अलग-अलग टीमें रूस, स्लोवेनिया, ग्रीस, लातविया और स्पेन और कतर, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र का दौरा करेंगी।

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag