मुंबई । महाराष्ट्र में दशहरा पर्व पर आयोजित रैलियों में सीएम एकनाथ शिंदे और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने एक दूसरे पर जमकर शब्द बाण चलाए। किसी ने रावण बताया तब किसी ने जनरल डायर के साथ तुलना की। दशहरा पर्व पर अलग-अलग रैली आयोजित कर मुख्यमंत्री शिंदे और उद्धव ठाकरे ने दमखम दिखाने की कोशिश की। सीएम शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे के बहाने उद्धव पर जमकर निशाना साधकर दावा किया कि आज रावण का दहन किया है. 2024 में देश की जनता इंडिया अलायंस नाम के रावण का दहन करेगी। दोनों नेताओं की ओर से एक दूसरे के लिए रावण और जनरल डायर जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया।

सीएम शिंदे ने रायगढ़ जिले के इर्शालवाड़ी में भूस्खलन हादसे का जिक्र कर कहा, इस दर्दनाक घटना के बाद मैं मौके पर पहुंचा था। उस वक्त लोगों ने पहाड़ पर चढ़ने से मना किया था। मैंने उनकी बातों का अनसुना कर पहाड़ चढ़ गया। कीचड़ में पहाड़ पर चढ़ने में दो घंटे लग गए थे, लेकिन तुम (उद्धव ठाकरे) जब आए तब वैनिटी वैन में बैठकर मीडिया से बात करके चले गए। ठाकरे का नाम लिए बिना शिंदे ने एक और शब्द बाण चलाकर कहा, जब मुंबई में बाढ़ आई थी, तब बांद्रा इलाका पूरा पानी में डूब गया था। तब तुम (उद्धव) बालासाहेब ठाकरे को मातोश्री में अकेला छोड़कर फाइव स्टार होटल में चले गए थे। उन्होंने मंच से अगले साल इंडी अलायंस का रावण जलाने की बात कही।

सीएम शिंदे ने कहा कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मोदी थे, 2019 में भी मोदी थे और 2024 में भी मोदी ही आएंगे। उन्होंने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में हम महाराष्ट्र में 48 में से 45 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने वाले हैं। सीएम शिंदे ने कहा कि बालासाहेब ने कांग्रेस को कभी भी अपने पास खड़ा नहीं किया। सावरकर का अपमान करने वाले मणिशंकर अय्यर को बालासाहेब ने दुत्कारने का काम किया था। आज उन्हें गले लगाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बालासाहेब कहते थे कि कांग्रेस के साथ जाने की नौबत आई तब अपनी दुकान बंद कर दूंगा। आज ऐसा लग रहा है कि वहां अपनी पार्टी कब कांग्रेस में विलीन कर ले यह पता नहीं।
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा छुपाई थी।
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मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की तुलना रामायण के रावण से कर कहा कि जिस तरह रावण ने सीता का हरण करने के लिए साधु का वेश धारण किया था। उस तरह उद्धव ने भी मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा छुपाई थी। वहीं, दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा कि 57 साल हो गए, लेकिन हम रुके नहीं। कई बाधाएं आईं, हम हारे नहीं। आगे भी इस तरह की भव्य रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली के बाद हम सभी खोकेसुर का दहन करने वाले है। उन्होंने कहा, रावण एक शिवभक्त था फिर भी राम ने रावण का अंत क्यों किया? जैसे हनुमान ने रावण की सोने की लंका जलाई थी, वैसे ही मेरे सामने बैठे हजारों शिवसैनिकों में दम है कि वहां इन रावण को भस्म करने वाले हैं। उद्धव ने कहा, जलियांवाला बाग की तरह, सराती गांवों में मराठों पर लाठीचार्ज हुआ था। उन्होंने शिंदे की सरकार की तुलना जनरल डायर की सरकार से की। यहीं पर उनके पिता और शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर उन पर ओजस्वी भाषण देने के आरोप लगे थे।