नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में मनी लांड्रिंग मामले में केजरीवाल सरकार में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत पर सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि ट्रायल अभी तक शुरू नहीं हुआ है। इस पर जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि आरोपियों की तरफ से बार बार ट्रायल टालने की मांग हो रही है। सुनवाई में जैन के वकील ने कहा कि 2017 में सीबीआई केस में जमानत मिल गई थी। ईडी ने 30 अगस्त 2017 को ईसीआईआर दर्ज किया और 5 साल तक ईडी ने जैन को गिरफ्तार नहीं किया। 30 मई 2022 को सत्येंद्र जैन को ईडी ने गिरफ्तार किया। सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल जांच में हमेशा सहयोग किया है और 7 बार जांच एजेंसी के सामने पेश हुए हैं।
जैन के वकील ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं, कि ईडी किसी की गिरफ़्तारी नहीं कर सकती थी, लेकिन जब तक वह गिरफ़्तारी करने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताते तब तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या वैभव और अंकुश जैन आपके बेटे हैं। इस पर सत्येंद्र के वकील ने कहा कि नहीं, सिर्फ उनका सर नेम एक जैसा है। सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा कि चार्जशीट में कही गई बातों को ईश्वरीय सत्य नहीं माना जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जैन के वकील ने कहा कि चेक पीरियड से 5 साल पहले मेरी पत्नी ने 2008 में कंपनी के शेयर खरीदे थे। जांच एजेंसी का आरोप है कि कलकत्ता की कंपनियों ने इन 3 कंपनियों के शेयर खरीदकर पैसा वापस कर दिया। वैभव और अंकुश ने कलकत्ता की कंपनियों को इन शेयरों को खरीदने के लिए पैसा दिया, वह पैसा सत्येंद्र जैन का था। वकील ने कहा कि सत्येंद्र जैन निदेशक पद से हट गए थे। उनकी पत्नी पूनम एक कंपनी में निदेशक थी, कंपनी में उनकी हिस्सेदारी बहुत कम थी, इन कंपनियों से पैसा वैभव और अंकुश जैन के पास चला गया, सत्येंद्र जैन या उनकी पत्नी को एक पैसा और एक शेयर भी नहीं मिला। अब सुप्रीम कोर्ट में 24 नवंबर को अगली सुनवाई होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने जैन की अंतरिम जमानत 24 नवंबर तक बढ़ाई है।