नई दिल्ली । ग्रेटर कैलाश एक स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर में अवैध गर्भपात कराने का भी गढ़ बना था। यहां पर 100 से ज्यादा महिलाओं का गर्भपात किया गया। रिमांड के दौरान पुलिस पूछताछ में सामने आया कि सेंटर में फर्जी सर्जरी के अलावा अवैध तरीके से गर्भपात भी कराया जाता था। पुलिस को दो रजिस्टर में गर्भपात करने वाले सभी मरीजों की जानकारी मिली है। इसको लेकर भी सेंटर संचालक डाक्टर नीरज अग्रवाल व उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल से पुलिस पूछताछ कर रही है। इससे जुड़े साक्ष्य भी पुलिस के हाथ लगे हैं। पुलिस ने शुक्रवार को नीरज अग्रवाल, उसकी पत्नी पूजा अग्रवाल, डाक्टर जसप्रीत और लैब टेक्नीशियन महेंद्र से पूछताछ की है। चारों आरोपित पांच दिन के पुलिस रिमांड पर हैं।
पुलिस गर्भपात से जुड़े मेडिकल दस्तावेज की छानबीन कर रही है। पुलिस को आशंका है कि रैकेट में अन्य डाक्टर भी शामिल हैं, जो कि फरीदाबाद के एक नामी अस्पताल के हैं। इसी अस्पताल में आरोपित डाक्टर जसप्रीत कार्यरत था। पुलिस के पास पांच दलालों के नाम भी आ चुके हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों को लगाया गया है। इनके अलावा अन्य संदिग्ध भी पुलिस की राडार पर हैं। पुलिस ने डाक्टर नीरज व उसकी पत्नी के खिलाफ दी गई अन्य शिकायतों पर भी एफआइआर दर्ज करने की तैयारी कर ली है। पुलिस ने दो मामलों में एफआइआर दर्ज की है। आरोपितों के खिलाफ आठ शिकायतों पर भी केस दर्ज किया जाएगा। इनके संबंध में इंडियन मेडिकल काउंसिल को भी जानकारी दी गई है। फर्जी सर्जन प्रकरण में आठ मरीजों की मौत और पुलिस की कार्रवाई के बाद अब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की नींद टूटी है। महानिदेशालय ने अग्रवाल मेडिकल सेंटर का पंजीकरण रद करने का नोटिस जारी किया है। महानिदेशालय ने सेंटर के संचालक डॉ. नीरज अग्रवाल एक माह में इस नोटिस का जवाब मांगा है। इस नोटिस के जवाब के बाद महानिदेशालय अग्रवाल मेडिकल सेंटर का पंजीकरण रद कर सकता है।
महानिदेशालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ग्रेटर कैलाश थाना व दक्षिणी दिल्ली पुलिस उपायुक्त ने 30 अक्टूबर और 31 अक्टूबर को उसके खिलाफ डीजीएचएस में शिकायत की थी। इन शिकायतों में उन नौ मामलों का विस्तृत ब्यौरा है जिसमें चिकित्सकीय लापरवाही और फर्जी सर्जन से सर्जरी करने के कारण वर्ष 2016 से अब तक आठ मरीजों की मौत हो गई। महानिदेशालय ने एक पखवाड़े बाद 16 नवंबर को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि दिल्ली नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत अग्रवाल मेडिकल सेंटर का तीन बेड के लिए पंजीकरण है। यह पंजीकरण तीन वर्ष के लिए होता है और अभी अगले वर्ष मार्च तक मान्य है। हैरानी की बात है कि तीन बेड के नर्सिंग होम जैसे इस मेडिकल सेंटर में पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के बावजूद मरीजों की सर्जरी भी की जा रही थी।