रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन में एससीओ बैठक के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि एक सदस्य देश (संकेत पाकिस्तान) नहीं चाहता कि आतंकवाद का कोई जिक्र हो, जबकि एससीओ का गठन आतंकवाद से लड़ने के मकसद से किया गया था।
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हाल के दिनों में चीन के दौरे पर थे। यहां उन्होंने एससीओ बैठक में हिस्सा लिया। हालांकि, इस दौरान उन्होंने एससीओ बैठक में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। अब राजनाथ सिंह के इस कदम को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सही ठहराया है।
दरअसल, एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि एससीओ का एक सदस्य देश नहीं चाहता कि संयुक्त बयान में आतंकवाद का कोई जिक्र हो, जबकि संगठन का गठन आतंकवाद से लड़ने के मकसद से किया गया था।
जानिए एस जयशंकर ने क्या कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि जब संगठन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है और आप इसका जिक्र नहीं होने दे रहे हैं, तो उन्होंने (राजनाथ सिंह) इसे स्वीकार करने में अनिच्छा जताई।
साथ ही उन्होंने उस देश का नाम नहीं लिया जो नहीं चाहता था कि परिणाम वक्तव्य में आतंकवाद का जिक्र हो। लेकिन उन्होंने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कौन सा देश ऐसा है।
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एससीओ आम सहमति से चलता है
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एससीओ आम सहमति से चलता है। इसलिए राजनाथ जी ने साफ तौर पर कहा कि अगर वक्तव्य में आतंकवाद का जिक्र नहीं होगा, तो हम इस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से किया इनकार
बता दें कि चीन के किंगदाओ दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को दूर करने में विफलता का हवाला दिया, खासकर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
बताया जा रहा है कि संयुक्त बयान में पहलगाम हमले का जिक्र नहीं किया गया, लेकिन इसमें 11 मार्च को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी द्वारा पाकिस्तान में जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक करने का जिक्र किया गया। वहीं, राजनाथ सिंह के इस कदम की वजह से एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में संयुक्त बयान जारी नहीं किया जा सका।
एससीओ बैठक में ये देश हैं शामिल
आपको बता दें कि भारत के अलावा एससीओ के सदस्य देश कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस हैं। भारत 2017 में एससीओ का सदस्य बना था और 2023 में रोटेशनल चेयरमैन का पद संभाला था।