- बेटियों के तानों से परेशान होकर रिटायर्ड फौजी ने मंदिर को दान कर दी चार करोड़ की संपत्ति, पुजारी बोले- ऐसा नहीं होता...

बेटियों के तानों से परेशान होकर रिटायर्ड फौजी ने मंदिर को दान कर दी चार करोड़ की संपत्ति, पुजारी बोले- ऐसा नहीं होता...

तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में 65 वर्षीय सेवानिवृत्त सैनिक एस विजयन ने अपनी 4 करोड़ रुपये की संपत्ति अरुलमिघु रेणुगांबल अम्मन मंदिर को दान कर दी। उन्होंने यह कदम अपनी बेटियों से नाराज होकर उठाया क्योंकि वे उनकी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी उन्हें ताना मारती थीं और संपत्ति को लेकर झगड़ा करती थीं। विजयन ने संपत्ति के कागजात मंदिर के दानपात्र में डाल दिए। मंदिर के अधिकारियों का कहना है कि दान को कानूनी तौर पर पंजीकृत कराना होगा, जिसके लिए विजयन तैयार हैं। 

उनका परिवार अब संपत्ति वापस पाने के लिए कानूनी रास्ता तलाश रहा है, लेकिन विजयन अपने फैसले पर अडिग हैं। नई दिल्ली। तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में 65 वर्षीय सेवानिवृत्त सैनिक एस विजयन ने अपनी बेटियों से नाराज होकर अपनी 4 करोड़ रुपये की संपत्ति मंदिर को दान कर दी।

अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप  चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।

youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646


 उनका कहना है कि बेटियां उनकी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी उन्हें ताना मारती थीं और संपत्ति को लेकर झगड़ा करती थीं। लेकिन अब परिवार इस संपत्ति को वापस पाने के लिए कानूनी रास्ता तलाश रहा है। एस विजयन ने कुछ दिन पहले ही अरुलमिघु रेणुगांबल अम्मन मंदिर को अपनी संपत्ति के कागजात दान किए थे। इनमें 3 करोड़ रुपये की एक संपत्ति और 1 करोड़ रुपये की दूसरी संपत्ति शामिल है। मंदिर के अधिकारियों को इस बात का पता तब चला जब उन्होंने मंदिर की दान पेटी की जांच की।
Insulted by daughters, retired army veteran donates ₹4 crore property to  temple, 'even for daily needs…' | Today News
मंदिर की दान पेटी में मिले संपत्ति के कागजात

मंदिर की दान पेटी हर दो महीने में खोली जाती है, जिसमें भक्तों द्वारा दान किए गए पैसों की गिनती की जाती है। इस बार जब दान पेटी खोली गई तो सिक्कों और नोटों के बीच असली संपत्ति के कागजात मिले। इनमें मंदिर के पास 10 सेंट की जमीन और एक मंजिला मकान के दस्तावेज शामिल थे। इसके साथ ही एक हस्तलिखित नोट भी मिला।



मंदिर के कार्यकारी अधिकारी एम सिलंबरासन ने 'द हिंदू' से कहा, "ऐसा यहां पहली बार हुआ है।" उन्होंने स्पष्ट किया कि दान पेटी में कागजात डाल देने से संपत्ति मंदिर की संपत्ति नहीं हो जाती। इसके लिए दानकर्ता को दान को कानूनी रूप से पंजीकृत कराना होगा।

कानूनी तौर पर भी रजिस्ट्री कराने को तैयार हैं विजयन

विजयन ने कहा, "मैं अपनी संपत्ति को मंदिर के नाम पर कानूनी तौर पर रजिस्ट्री कराऊंगा। मंदिर के अधिकारियों से बात करने के बाद ऐसा करूंगा। मैं अपना फैसला वापस नहीं लूंगा। मेरे बच्चे मेरी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भी मुझे ताना मारते थे।"


विजयन लंबे समय से रेणुगांबल अम्मन के भक्त हैं। मंदिर के अधिकारियों को पता चला कि वह पिछले एक दशक से अपनी पत्नी से अलग अकेले रह रहे हैं। उनकी बेटियों ने न केवल उनका साथ नहीं दिया, बल्कि हाल के महीनों में उन पर संपत्ति हड़पने का दबाव भी बनाया है। विजयन के इस फैसले से उनका परिवार सदमे में है। अब उनका परिवार इस संपत्ति को वापस पाने के लिए कानूनी मदद ले रहा है। लेकिन विजयन अपने फैसले पर अडिग हैं। उनका कहना है कि वह अपनी आस्था और स्वाभिमान को हर चीज से ऊपर रखते हैं।

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag