नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, मैं यहां जो विधेयक लेकर आया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई। किसी भी समाज में जो लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए, यहीं भारतीय संविधान की मूल भावना है। उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है।
इस कारण इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है। केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा, कश्मीर समस्या का मूल कौन था? मैंने कभी नहीं कहा कि नेहरू हानिकारक थे। वहीं लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, यह चौंकाने वाली बात है कि पूर्व और वर्तमान मंत्री नेहरू को सदन में लाते हैं और उन पर आक्षेप लगाते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम 70 साल सुन-सुनकर थक गए हैं। मैं अनुरोध करता हूं कि एक ऐसा दिन हो जिसमें हम जम्मू-कश्मीर और नेहरू और उनकी गलतियों पर चर्चा करें।
डीएमके सांसद ने विवादित टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया
डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार एस. ने उत्तर भारत के राज्यों के लिए लोकसभा में की गई अपनी विवादित टिप्पणी पर खेद व्यक्त कर इस बयान को वापस ले लिया है। डीएमके सांसद सेंथिलकुमार ने बुधवार को लोकसभा में खड़े होकर अपनी विवादित टिप्पणी के लिए खेद जाहिर कर कहा कि मंगलवार को उनके द्वारा अनजाने में दिए गए बयान से सदस्यों और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तब वे इसे वापस लेना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने कार्यवाही से उन विवादित टिप्पणियों को भी हटाने का आग्रह किया। इस पर पीठासीन सभापति किरिट प्रेमजीभाई सोलंकी ने कहा कि इन शब्दों को पहले ही कार्यवाही से निकाल दिया गया है, आपको खेद प्रकट करना चाहिए था, आपने कर दिया है और यह मामला इसी के साथ समाप्त होता है।