नई आबकारी नीति को लेकर आबकारी विभाग ने शराब ठेकेदारों से सुझाव लिए हैं। इसमें उन्होंने लाइसेंस फीस बढ़ाने पर उतनी ही एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की भी मांग की है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनको शराब बेचने की मात्रा कम दी जाए। इसका कारण 85 प्रतिशत मॉल बचने की शर्त है, जिसके नहीं बचने पर उन पर पांच प्रतिशत की पैनल्टी लगती है। उनका कहना है कि इससे बचने के लिए उनको सस्ते में शराब बेचनी पड़ती है। इसके अलावा उनके द्वारा शराब बेचने के लिए नगरीय निकाय की खाली दुकानें या जगह उपलब्ध कराने की मांग की है।