- ओसामा ने छिपने के लिए पाकिस्तान को क्यों चुना? जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर PAK को घेरा, विदेशी मीडिया को भी फटकार लगाई

ओसामा ने छिपने के लिए पाकिस्तान को क्यों चुना? जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर PAK को घेरा, विदेशी मीडिया को भी फटकार लगाई

एस जयशंकर ने ब्रुसेल्स में पश्चिमी देशों को आईना दिखाते हुए कहा कि कश्मीर में आतंकवाद के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई को भारत बनाम आतंकवाद के तौर पर देखा जाना चाहिए, न कि सिर्फ दो पड़ोसी देशों के बीच सीमा विवाद के तौर पर। उन्होंने रूस-यूक्रेन पर भी भारत का रुख स्पष्ट किया और पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के मुद्दे पर अपनी बात रखी।

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं से मुलाकात करने के लिए ब्रुसेल्स में हैं। इस दौरान उन्होंने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत करते हुए पश्चिमी देशों को आईना दिखाया। जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा कि कश्मीर में आतंकवाद के बाद पाकिस्तान के खिलाफ नई दिल्ली की कार्रवाई को पश्चिमी देशों को भारत बनाम आतंकवाद के मुद्दे के तौर पर देखना चाहिए।

विदेश मंत्री ने कहा कि इस लड़ाई को सिर्फ दो पड़ोसी देशों के बीच सीमा विवाद के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। यूरोपीय समाचार वेबसाइट यूरैक्टिव से बातचीत में विदेश मंत्री ने यूरोप की बदलती भू-राजनीति और भविष्य में ईयू-भारत संबंधों के बेहतर होने की उम्मीदों पर भी विचार किया।

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विदेशी मीडिया को भी लगाई फटकार


एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरव्यू के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की कार्रवाई को दो परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच प्रतिशोध के रूप में पेश करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मीडिया की आलोचना की।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं आपको एक बात याद दिलाना चाहता हूं। ओसामा बिन लादेन नाम का एक आदमी था। वह सालों तक पाकिस्तान के शहर में क्यों रहा। वह पाकिस्तान के शहर में कैसे सुरक्षित महसूस करता था। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि दुनिया समझे, यह सिर्फ भारत-पाकिस्तान का मसला नहीं है। यह आतंकवाद का मसला है। और यह आतंकवाद आखिरकार आपको परेशान करेगा।

रूस और यूक्रेन के मसले पर भी रखे अपने विचार

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष पर भी अपने विचार रखे। इस इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि रूस के यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर आक्रमण के बाद भारत ने यूरोपीय संघ और अन्य पश्चिमी देशों के साथ रूस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाए, तो जवाब में जयशंकर ने भारत के इस रुख को दोहराया कि युद्ध से शांति नहीं आ सकती।

विदेश मंत्री ने कहा कि हम नहीं मानते कि मतभेदों को युद्ध के जरिए सुलझाया जा सकता है। हम नहीं मानते कि युद्ध के मैदान से कोई समाधान निकलेगा। वह समाधान क्या हो, यह तय करना हमारा काम नहीं है। मैं यह कह रहा हूं कि हम निर्देशात्मक या आलोचनात्मक नहीं हैं, लेकिन हम बेपरवाह भी नहीं हैं।

भारत के दोनों देशों से रिश्ते मजबूत


वहीं, इस बातचीत के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के दोनों देशों से रिश्ते मजबूत हैं। लेकिन उन्होंने याद दिलाया कि आजादी के बाद जब पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया था, तो पश्चिमी देश इस्लामाबाद के साथ खड़ा था।

अमेरिका से हमारे रिश्ते अहम: जयशंकर


इस बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और अमेरिका के रिश्तों पर बात की। उन्होंने कहा कि मैं दुनिया को वैसा ही लेता हूं, जैसा मैं पाता हूं। हमारा उद्देश्य हर उस रिश्ते को आगे बढ़ाना है, जो हमारे हितों को पूरा करे और अमेरिका से रिश्ते हमारे लिए बेहद अहम हैं। यह पर्सनैलिटी एक्स या प्रेसिडेंट वाई की बात नहीं है।

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