- डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर ठगी, AI वीडियो से वकील को लगा लाखों का चूना; होटल में इन्वेस्टमेंट का दिया था लालच

डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर ठगी, AI वीडियो से वकील को लगा लाखों का चूना; होटल में इन्वेस्टमेंट का दिया था लालच

कर्नाटक में साइबर अपराधियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर डोनाल्ड ट्रंप का फर्जी वीडियो बनाया और एक वकील को होटल रेंटल स्कीम में निवेश करने का लालच दिया। वकील को यूट्यूब पर डोनाल्ड ट्रंप होटल रेंटल में निवेश करने का मौका मिला। शुरुआत में उन्हें निवेश पर रिटर्न मिला लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया। वकील ने कुल 593240 रुपये का निवेश किया था।

हावेरी। कर्नाटक में एक अनोखे साइबर फ्रॉड ने सभी को हैरान कर दिया है। दरअसल, साइबर फ्रॉड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फर्जी वीडियो बनाया। इस वीडियो के जरिए उन्होंने एक वकील को ठगा।

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AI की मदद से बनाए गए वीडियो का इस्तेमाल कर उन्होंने ट्रंप होटल रेंटल स्कीम में निवेश करने का लालच दिया और ऊंचे रिटर्न का वादा किया।

यूट्यूब पर दिखाया गया वीडियो


मामला 6 मई को तब सामने आया जब पीड़ित अपनी शिकायत लेकर हावेरी सेंट्रल क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचा। अपने बयान में वकील ने कहा कि इस साल जनवरी में उन्हें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला जिसमें 'डोनाल्ड ट्रंप होटल रेंटल' में निवेश करने का मौका दिया गया था।

अपने बयान में अधिवक्ता ने कहा कि इस साल जनवरी में उन्हें यूट्यूब पर 'डोनाल्ड ट्रंप होटल रेंटल्स' में निवेश करने का मौका देने वाला एक वीडियो मिला।

मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करने का आदेश


जब उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, तो उन्हें एक मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए निर्देशित किया गया।

फिर उन्हें एक फॉर्म भरने के लिए कहा गया, जिसमें उनके बैंक खाते का विवरण और IFSC कोड जमा करना शामिल था। पुलिस के अनुसार, पीड़ित ने निर्देशों का पालन किया और अपने खाते को सक्रिय करने के लिए 1,500 रुपये का भुगतान किया। उन्हें उनके निवेश पर प्रतिदिन 3 प्रतिशत रिटर्न देने का वादा किया गया था।

निवेश पर रिटर्न


शुरू में, उन्हें अपने निवेश पर रिटर्न मिला और मुनाफा भी हुआ। योजना पर भरोसा करते हुए, उन्होंने धोखेबाजों की सलाह पर और पैसा निवेश किया, जिससे उनकी कमाई दोगुनी हो गई। कुल मिलाकर, उन्होंने 25 जनवरी से 4 अप्रैल के बीच विभिन्न बैंक खातों, यूपीआई आईडी और डिजिटल वॉलेट में 5,93,240 रुपये जमा किए।

हालांकि, उन्हें रिटर्न मिलना बंद हो गया और वे निवेश की गई राशि वापस पाने में असमर्थ रहे। पुलिस ने बताया कि आईटी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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