- ग्वालियर: 'मैं ब्रह्मा-विष्णु-महेश को भगवान नहीं मानता'...बौद्ध धम्म महासम्मेलन में ली गई विवादित शपथ

ग्वालियर: 'मैं ब्रह्मा-विष्णु-महेश को भगवान नहीं मानता'...बौद्ध धम्म महासम्मेलन में ली गई विवादित शपथ

ग्वालियर जिले के भितरवार के धाकड़ खिरिया में तीन दिवसीय बौद्ध धम्म सम्मेलन में बौद्ध आचार्य सूरज राही द्वारा हिंदू धर्म त्यागने से संबंधित शपथ दिलाने का मामला सामने आया है। हालांकि कार्यक्रम के आयोजक का कहना है कि हिंदू धर्म त्यागने से संबंधित कोई शपथ नहीं दिलाई गई।


ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के भितरवार के पास ग्राम धाकड़ खिरिया स्थित बुद्ध विहार में विवादित शपथ का मामला सामने आया है। वहां तीन दिवसीय बौद्ध धम्म महासम्मेलन में भदंत शाक्यपुत्र सागर महाथेरो (अध्यक्ष, बुद्ध भूमि धम्मदूत संघ भोपाल) ने लोगों को विवादित शपथ दिलाई। कहा गया कि वे ब्रह्मा-विष्णु-महेश को भगवान नहीं मानेंगे और न ही उनकी पूजा करेंगे। यह भी कहा गया कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार नहीं हैं। शपथ में ब्राह्मणों से कोई काम नहीं कराने और पुराने धर्म को त्याग कर बौद्ध धर्म अपनाने की बात कही गई। 

विवादित सामूहिक शपथ दिलाई गई उक्त महासम्मेलन 6 से 8 जून तक आयोजित किया गया था। 


रविवार को इसके समापन पर यह विवादित सामूहिक शपथ दिलाई गई। आयोजन के बाद कार्यक्रम से जुड़े लोग मीडिया से बात करने से बच रहे हैं। इस दौरान महासम्मेलन में मौजूद लोगों द्वारा सोमवार को विवादित बयान देकर दिलाई गई शपथ का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस पर आम लोगों की कई प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं। 

किसी धर्म का अनादर करना उद्देश्य नहीं- आयोजक आयोजक 96 गांव जाटव सुधार समिति के अध्यक्ष रूपेंद्र वर्मा ने स्पष्ट किया है कि आयोजन का उद्देश्य समाज की बुराइयों को दूर करना था। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर फैल रही डेढ़ लाख लोगों के धर्म परिवर्तन की खबर को झूठा बताया। वर्मा ने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य किसी धर्म का अनादर करना नहीं था और समिति इस तरह की गतिविधियों से सहमत नहीं है। इस संबंध में एसडीओपी जितेंद्र नगाइच का कहना है कि इस मामले में अभी तक किसी तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

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