आपातकाल के 50 साल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर इसे भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का "सबसे काला अध्याय" और "संविधान हत्या दिवस" बताया। उन्होंने आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को सलाम किया, जिनकी सामूहिक लड़ाई ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करने और चुनाव कराने के लिए मजबूर किया।
नई दिल्ली। आपातकाल को 50 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस दौर को याद करते हुए एक्स पर एक पोस्ट लिखा, "आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल को लागू हुए पचास साल हो गए हैं। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया।"
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मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया। ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में मौजूद कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया हो।
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नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
'कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना था'
प्रधानमंत्री ने कहा, "हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले सभी लोगों को सलाम करते हैं! ये पूरे भारत के, हर क्षेत्र के, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग थे जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को कायम रखना जिसके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष था जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।"
पीएम मोदी ने कहा, "हम अपने संविधान के सिद्धांतों को मजबूत करने और एक विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराते हैं। हम प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूएं और गरीबों और वंचितों के सपनों को पूरा करें।"
आपातकाल के दौरान पीएम की भूमिका और अनुभवों पर पुस्तक प्रकाशित
पीएम मोदी आपातकाल के दौरान अपनी युवावस्था में थे। इस दौरान उनकी भूमिका और उनके दोस्तों के अनुभवों पर एक पुस्तक प्रकाशित हुई है। ब्लूक्राफ्ट प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का शीर्षक 'द इमरजेंसी डायरीज - इयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर' है।
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जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने के महत्व की पुष्टि की। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसमें एच.डी. देवेगौड़ा जी द्वारा लिखी गई भूमिका है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।
- प्रधानमंत्री मोदी ने किताब का जिक्र किया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज शाम किताब का विमोचन करेंगे। किताब में पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा द्वारा लिखी गई एक विशेष भूमिका भी शामिल है।