फरीदाबाद के पल्ला इलाके में एक परिवार ने विवाहिता की हत्या कर शव को घर के सामने गड्ढा खोदकर दफना दिया। घटना 23 अप्रैल की है जिसके बाद परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। परिजनों द्वारा गड्ढे को लेकर संदेह और सवाल उठाने पर भी पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई।
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फरीदाबाद। पल्ला थाना क्षेत्र के रोशन नगर की गली नंबर एक में शुक्रवार सुबह दिल दहलाने वाली घटना सामने आई। यहां एक परिवार ने मिलकर दो महीने पहले विवाहिता की हत्या कर दी। घर के सामने गली में अर्थमूवर से करीब 10 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया और शव को उसमें दबा दिया गया। घटना को 23 अप्रैल को अंजाम दिया गया लेकिन तब परिजनों ने पल्ला थाने में महिला के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि विवाहिता के परिजन संदेह जताते रहे। उन्होंने गड्ढे को लेकर भी सवाल उठाए लेकिन स्थानीय थाने और चौकी की पुलिस टीम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। यही वजह रही कि दफनाए गए शव को दो महीने बाद बाहर निकाला जा सका।
अब शुक्रवार सुबह पुलिस ने नायब तहसीलदार जसवंत सिंह की देखरेख में गड्ढा खोदकर शव को बाहर निकाला। मृतका के ससुराल पक्ष के चार लोगों के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी मिली है कि पुलिस ने मृतका के पति और ससुर को हिरासत में ले लिया है। पूछताछ जारी है। शुक्रवार दोपहर मृतका के शव का पोस्टमार्टम बादशाह खान सिविल अस्पताल में कराया गया। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के पीते का नंगला निवासी भूप सिंह कई सालों से रोशन नगर की गली नंबर एक में परिवार के साथ रह रहे हैं।
वह नवीन नगर में कपड़े की वर्कशॉप चलाते हैं। अरुण भी उनके साथ रहता है। परिवार में एक बेटा अरुण सिंह, पत्नी सोनिया और बेटी काजल हैं। अरुण सिंह की शादी दो साल पहले उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के शिकोहाबाद के मोहल्ला खेड़ा निवासी हकीम की बेटी तन्नू कुमार से हुई थी।
उनके कोई संतान नहीं है। हकीम ने बताया कि उनकी बेटी को ससुराल वाले बहुत परेशान करते थे और दहेज की मांग करते थे। उसे फोन पर बात भी नहीं करने देते थे। बेटी को खुश दिखाने के लिए जबरन वीडियो बनवाए जाते थे।
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जबकि बेटी को हर छोटी-छोटी बात पर प्रताड़ित किया जाता था। इसके चलते बेटी करीब एक साल तक मायके में रही। बाद में जब पंचायत हुई तो बेटी को वापस भेज दिया गया।
शाम को खोदा गड्ढा, रात में भरा
अरुण सिंह और उनके पिता ने 23 अप्रैल की शाम को मिट्टी खोदने वाली मशीन मंगवाई। घर के सामने गली में 10 फीट गहरा सोख्ता गड्ढा खोदा गया। अगले दिन जब राजमिस्त्री गड्ढे को भरने आया तो गड्ढे को मिट्टी से भर दिया गया।
पूछने पर परिजनों ने कहा कि अब कुछ नहीं करना है। तब आसपास के लोगों ने परिजनों की इस हरकत पर संदेह जताया। इसके दो दिन बाद पुलिस को सूचना दी गई कि तन्नू घर से गायब है। यह भी बताया गया कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है।
परिजनों ने कई चक्कर लगाए
हाकिम और उनकी बेटी प्रीति ने बताया कि जब वे यहां आए तो उन्होंने गड्ढा देखा। तब उन्होंने अपना संदेह व्यक्त किया और नवीन नगर पुलिस चौकी और पल्ला थाने को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कई चक्कर लगाए, पुलिस से मामले की गहनता से जांच करने का अनुरोध किया।
उन्होंने उसी दिन तन्नू की हत्या का संदेह व्यक्त किया था। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। गड्ढा नहीं खोदा गया। अब करीब एक सप्ताह पहले उन्हें किसी से सिफारिश मिली और पुलिस ने जांच शुरू की। जब गड्ढा खोदा गया तो अंदर तन्नू का सड़ा-गला शव मिला।
शव को दफनाकर ऊपर से ईंटें डाल दी गईं
अरुण और उसके परिजनों ने देर रात घटना को अंजाम दिया। शव को पहले 10 फीट गहरे गड्ढे में फेंका गया। इसके बाद ईंटें डाल दी गईं और फिर गड्ढे को मिट्टी से भर दिया गया। अगर कोई गड्ढा खोदता है तो उसे ईंटों को देखकर वापस भर देना चाहिए। मोर्चरी के बाहर रोती हुई तन्नू की बहन प्रीति ने कहा कि अगर पुलिस ने पहले उनकी बात सुनी होती तो बहन का शव दो महीने पहले ही मिल गया होता। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। जब भी वह थाने जाते तो उन्हें 10-12 लापता लड़कियों की सूची दिखाकर कहा जाता कि बताओ किसकी तलाश करो। यहां से कई लड़कियां गायब हो रही हैं। पुलिस कहती कि तुम्हारी बेटी को जिंदा वापस लाएंगे। उधर, नवीन नगर थाना प्रभारी प्रवेश कुमार का कहना है कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही थी। अब परिजनों ने गड्ढे पर शक जताया तो उसे खोदा गया।