विमानन क्षेत्र की नियामक एजेंसी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हाल ही में एयर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर विमान AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मुंबई, दिल्ली समेत कुछ प्रमुख हवाई अड्डों का निरीक्षण किया और उसमें जो बातें सामने आईं, वे कुछ इस तरह की लग रही हैं।
नई दिल्ली। क्या देश का विमानन क्षेत्र भगवान भरोसे चल रहा है? विमानन क्षेत्र की नियामक एजेंसी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हाल ही में एयर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर विमान AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मुंबई, दिल्ली समेत कुछ प्रमुख हवाई अड्डों का निरीक्षण किया और उसमें जो बातें सामने आईं, वे कुछ इस तरह की लग रही हैं।
अगर आप देश और दुनिया की ताज़ा ख़बरों और विश्लेषणों से जुड़े रहना चाहते हैं, तो हमारे यूट्यूब चैनल और व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें। 'बेजोड़ रत्न' आपके लिए सबसे सटीक और बेहतरीन समाचार प्रदान करता है। हमारे यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइब करें और व्हाट्सएप चैनल पर जुड़कर हर खबर सबसे पहले पाएं।
youtube- https://www.youtube.com/@bejodratna646
यात्री विमानों में बार-बार पाई गई है एक ही तरह की खराबी
मंगलवार को विमानन नियामक ने कहा कि यात्री विमानों में बार-बार एक ही तरह की खराबी पाई गई है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। विमानों के रखरखाव को लेकर सरकारी नियमों की अनदेखी की जाती है, लॉगबुक में रबी रिपोर्ट (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर द्वारा दर्ज की गई जानकारी) दर्ज नहीं की जाती, आपातकाल में इस्तेमाल होने वाले लाइफ सेविंग बॉक्स भी अपनी जगह पर नहीं होते, बैगेज ट्रॉली जैसे ग्राउंड हैंडलिंग उपकरण बेकार पाए जाते हैं आदि।
एयरपोर्ट के आसपास काफी निर्माण कार्य चल रहा है
एयरपोर्ट के आसपास काफी निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन इसका कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है। हालांकि नियमों के मुताबिक एक निश्चित अंतराल पर यह काम किया जाना चाहिए। विमानों की सुरक्षा के लिहाज से यह महत्वपूर्ण है। डीजीसीए ने ऐसी दर्जनों खामियों को उजागर किया है। इसने न सिर्फ भारत के नागरिक विमानन क्षेत्र की कंपनियों की पोल खोली है बल्कि पूरे क्षेत्र की निगरानी की मौजूदा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं।
डीजीसीए की गंभीरता पर भी सवाल
अगर अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट हादसे के बाद डीजीसीए ने यह निरीक्षण नहीं किया होता तो सब कुछ ऐसे ही चल रहा होता। वैसे यह भी अजीब है कि डीजीसीए ने उन एयरलाइन कंपनियों या एयरपोर्ट संचालन का प्रबंधन करने वाली कंपनियों के नाम नहीं बताए हैं। यह भी स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है कि किस एयरपोर्ट पर किस तरह की खामियां पाई गई हैं। इससे डीजीसीए की गंभीरता पर भी सवाल उठते हैं।
उड़ान से पहले मेडिकल मूल्यांकन की समीक्षा की गई
डीजीसीए ने कहा- 'उड़ान संचालन, एयरवर्थनेस (विमान उड़ान भरने योग्य है या नहीं), रैंप सेफ्टी (एयरपोर्ट का वह क्षेत्र जहां विमान पार्क होता है), एयर ट्रैफिक कंट्रोल, संचार, नेविगेशन और निगरानी प्रणाली और उड़ान से पहले मेडिकल मूल्यांकन की समीक्षा की गई है। पाया गया है कि विमानों में खामियों को दूर करने के लिए निगरानी प्रणाली अप्रभावी है और इसे सुधारने के लिए उठाए गए कदम भी अपर्याप्त हैं।'
एक एयरपोर्ट पर पाया गया है कि रनवे पर एक सीधी रेखा फीकी पड़ गई है। इसी तरह एक एयरलाइन की उड़ानें इसलिए रद्द कर दी गईं क्योंकि उसके टायर फट गए थे। विमानों के रखरखाव को लेकर भी कई तरह की खामियां पाई गई हैं।
यह भी पढ़िए - पंचायत 4: फुलेरा में कुछ ही घंटों में होगी पंचायत की बैठक, ओटीटी पर चौथा सीजन कब और कहां देखें?
सुरक्षा मानकों की हो रही है अनदेखी
मुख्य रूप से यह बात सामने आई है कि डीजीसीए के नियमों के अनुसार सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। एक एयरलाइन के बारे में बताया गया है कि उसके द्वारा उपलब्ध कराए गए सिम्युलेटर कंपनी के विमान से मेल नहीं खाते। इसका सॉफ्टवेयर भी अपडेट नहीं है।
सात दिन के भीतर दूर की जाएं खामियां
डीजीसीए ने कहा है कि संबंधित कंपनियों को पाई गई खामियों के बारे में जानकारी दे दी गई है। कंपनियों को सात दिन के भीतर इन खामियों को दूर करने को कहा गया है। इस तरह की निगरानी भविष्य में भी जारी रहेगी।