इनमें से कुछ गोदाम पांच हजार मीट्रिक टन तो कुछ उससे दोगुनी यानी दस हजार मीट्रिक टन क्षमता के बनाए जाने हैं। इन गोदामों के निर्माण के लिए विभागीय स्तर से जिला प्रशासन को योजना के अनुसार भूमि आवंटित कराने के लिए पत्र भेजा गया है। सभी संबंधित अंचलों के सीओ को जल्द से जल्द भूमि आवंटित कराने को कहा गया है।
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बता दें कि नवादा जिले में पैक्सों में अभी जो गोदाम हैं, उनकी क्षमता मात्र 200 मीट्रिक टन से एक हजार मीट्रिक टन तक है। ऐसे में केंद्र सरकार की इस योजना से निश्चित रूप से सहकारिता और क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलेगा।
राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल के कारण भूमि आवंटित कराने में हो रही परेशानी
सहकारिता विभाग जल्द से जल्द भूमि उपलब्ध कराकर विभाग को रिपोर्ट भेजना चाहता है। ताकि समय पर इस पर निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।
इतनी बड़ी क्षमता वाले खाद्य गोदाम के निर्माण से क्षेत्र के किसानों को काफी लाभ होगा। जिले में अब तक इतनी क्षमता का गोदाम कहीं नहीं है।
जानकारी के अनुसार वारिसलीगंज के दोसुत व ठेरा के साथ ही अकबरपुर के सकरपुरा में 10 हजार मीट्रिक टन का खाद्यान्न गोदाम बनाया जाना है। शेष तीन चयनित पैक्स में पांच हजार मीट्रिक टन क्षमता का खाद्यान्न गोदाम बनाया जाना है। भूमि आवंटन के संबंध में जानकारी मिली है कि राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल के कारण भूमि उपलब्ध कराने में कुछ कठिनाई हुई है।
जिलाधिकारी की पहल पर इस ओर ध्यान दिया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी खाद्यान्न गोदाम के लिए भूमि आवंटित कर दी जाएगी। पांच हजार मीट्रिक टन के लिए दो एकड़ व 10 हजार मीट्रिक टन के लिए चार एकड़ भूमि की आवश्यकता है जहां भी पांच हजार मीट्रिक टन का गोदाम बनाया जाना है, वहां दो एकड़ भूमि की आवश्यकता है। जबकि दस हजार मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम के लिए चार एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
क्या कहते हैं अधिकारी विश्व की सबसे बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना के लिए नवादा जिले के छह पैक्स में गोदाम बनाने की योजना को केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इसके लिए सीओ को जमीन आवंटित कराने को कहा गया है। जमीन उपलब्ध होते ही नियमानुसार कार्य शुरू कर दिया जाएगा।- संतोष कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, नवादा।