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कालाबाजारी...अमानक खाद-बीज और कीटनाशकोंं की बिक्री से ठगे जा रहे किसान
-प्रदेश में अमानक कृषि सामग्री की जमकर बिक्री, निजी कंपनियों की मनमानी जारी
भोपाल । प्रदेश में अमानक खाद-बीज और कीटनाशकों की बिक्री से किसानों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। हर साल निजी कंपनियों के हाथों किसान ठगे जा रहे हैं। फिर भी मनमानी पर कोई अंकुश नहीं है।
कृषि विभाग के आंकड़े खुद इसकी बानगी बता रहे हैं। पिछले साल कृषि विभाग द्वारा खरीफ और रबी सीजन में दुकानों से खाद, बीज और कीटनाशकों के नमूने लेकर जांच के लिए राज्य प्रयोगशाला भेजे गए थे। इनमें अधिकांश सेंंपल फेल हो गए। इसके बावजूद अमानक खाद-बीज और दवाइयों की बिक्री का कारोबार बंद नहीं हुआ है। इस कारण किसान आसानी से निजी कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। हाल ही में गलवा, बगड़ी क्षेत्र के किसानों द्वारा महंगे खरपतवार नाशक के अनुपयोगी होने की शिकायत की थी।
रिपोर्ट आने में देरी
रिपोर्ट आने में देरी से आर्थिक नुकसान किसानों के मुताबिक प्राइवेट कंपनियों द्वारा अमानक खाद-बीज और कीटनाशक से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। हर साल सेंपल लेने की कागजी कार्रवाई है और रिपोर्ट दो से तीन महीने बाद आती है। जब तक को किसान खाद-बीज का उपयोग खेतों में कर चुके होते हैं। मामूली अर्थदंड लगा देने से धंधा बंद नहीं होगा।
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