प्रयागराज । निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने बुधवार को आपराधिक केस को वापस लेने की सरकार और संजय निषाद की अर्जी को स्वीकार कर लिया है। गोरखपुर में रेलवे ट्रैक जाम करने के आरोप में ये आपराधिक केस चल रहा था।
कोर्ट ने राज्य सरकार की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका व संजय निषाद की धारा 482 की याचिका मंजूर कर ली है। दरअसल, आठ जून 2015 को आरपीएफ थाना गोरखपुर में दर्ज मामले में निषाद एकता परिषद के अध्यक्ष संजय निषाद पर आरोप था कि उन्होंने तमाम कार्यकर्ताओं के साथ सात जून को रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन किया था। जिससे नाघर-सहजनवा रेल ट्रैक का यातायात प्रभावित हुआ था। याचिका में बताया गया कि सरकार ने सात अगस्त 23 को केस वापस लेने का फैसला लिया था और लोक अभियोजक ने धारा 321 में केस वापसी की अर्जी दी थी।
गोरखपुर मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए अर्जी खारिज कर दी थी कि हाईकोर्ट से इसकी अनुमति नहीं ली गई है और अब केस पर अंतिम बहस होनी है। शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट से 21 मार्च 23 को केस वापसी की अनुमति ली गई है। जिसके बाद लोक अभियोजक ने स्वतंत्र निर्णय लिया और नियमानुसार अर्जी दाखिल की। याचिका में आगे कहा गया कि मजिस्ट्रेट ने इस तथ्य और कानून की अनदेखी की है इसलिए मजिस्ट्रेट का आदेश निरस्त किया जाये। ये भी कहा कि सरकार किसी भी स्तर पर केस वापसी का फैसला ले सकती है। कोर्ट ने लोक अभियोजक के फैसले को विधि सम्मत माना और कहा कि मजिस्ट्रेट का आदेश तथ्य व कानून के विपरीत होने के कारण अवैध है। जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया।