इसरो को अपने 101वें ऐतिहासिक प्रक्षेपण के दौरान बड़ा झटका लगा है। इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 101वां मिशन ईओएस-09 प्रक्षेपण के कुछ देर बाद ही विफल हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि उड़ान के तीसरे चरण के दौरान तकनीकी समस्या उत्पन्न होने के बाद मिशन पूरा नहीं हो सका।
श्रीहरिकोटा। इसरो को अपने 101वें ऐतिहासिक प्रक्षेपण के दौरान बड़ा झटका लगा है। इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 101वां मिशन ईओएस-09 प्रक्षेपण के कुछ देर बाद ही विफल हो गया। उन्होंने कहा कि उड़ान के तीसरे चरण के दौरान तकनीकी समस्या उत्पन्न होने के बाद मिशन पूरा नहीं हो सका।
इसरो प्रमुख ने जारी किया बयान
अंतरिक्ष एजेंसी के चेयरमैन वी नारायणन ने कहा कि इसरो रविवार को पीएसएलवी-सी61 रॉकेट से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का प्रक्षेपण नहीं कर सका, क्योंकि इसके तीसरे चरण में कुछ तकनीकी खराबी थी, जिस पर नजर रखी जा रही है।
मिशन पूरा नहीं हो सका- इसरो चीफ
इसरो चीफ वी. नारायणन ने कहा कि आज हमने पीएसएलवी-सी61 को लॉन्च करने की कोशिश की। इसके चार चरण हैं। पहले 2 चरणों में प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक रहा। तीसरे चरण के दौरान हमने देखा कि अवलोकन... मिशन पूरा नहीं हो सका। हम पूरे प्रदर्शन का अध्ययन कर रहे हैं, हम जल्द से जल्द वापस आएंगे।
पाकिस्तान पर नजर रखने के लिए लॉन्च किया गया था मिशन
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को उसकी जगह दिखाने के बाद भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा और नापाक हरकतों को रोकने के लिए सतर्क है। इसके लिए इसरो ने रविवार को स्वदेशी "जासूसी" सैटेलाइट लॉन्च की।
इस सैटेलाइट का उद्देश्य हर मौसम में, घने बादलों और कम रोशनी में भी धरती की सतह की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें लेना था। यह सैटेलाइट चौबीसों घंटे अंतरिक्ष पर नजर रखने के लिए बनाया गया था।
यह इसरो का 101वां मिशन था
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार सुबह 5:59 बजे अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट ईओएस-09 को लॉन्च किया। यह इसरो का 101वां मिशन था। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-61 श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इस उपग्रह को लेकर अंतरिक्ष की यात्रा पर रवाना हुआ।