- ऑपरेशन सिंदूर और विकास को एक साथ पेश करेगी मोदी सरकार, विपक्ष को जवाब देने की रणनीति तैयार

ऑपरेशन सिंदूर और विकास को एक साथ पेश करेगी मोदी सरकार, विपक्ष को जवाब देने की रणनीति तैयार

जातिवार जनगणना के बीच ऑपरेशन सिंदूर ने देश का राजनीतिक माहौल बदल दिया है। भाजपा तिरंगा यात्रा निकाल रही है तो कांग्रेस जय हिंद सभा कर रही है। मोदी सरकार विकसित भारत के संकल्प और राज्यों के साथ विकास योजनाओं पर जोर दे रही है। सरकार ऑपरेशन सिंदूर के नतीजों को राष्ट्रवाद के तौर पर पेश कर रही है। विपक्ष संघर्ष विराम जैसे मुद्दे उठा रहा है।

नई दिल्ली। जातिवार जनगणना पर महीनों से चल रही राजनीतिक कबड्डी के बीच ऑपरेशन सिंदूर ने फिलहाल देश और राजनीति का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। यही वजह है कि भाजपा देशभर में तिरंगा यात्रा निकाल रही है तो कांग्रेस जय हिंद सभा करने जा रही है।

इस बीच मोदी सरकार भी पूरी तरह तैयार है। वह विकसित भारत के संकल्प को लेकर अपने सभी राज्यों के साथ एकजुट प्रतिबद्धता जताते हुए तमाम योजनाओं की प्रगति के सहारे विकास का तमाशा दिखाना चाहती है तो वहीं ऑपरेशन सिंदूर के सार्थक नतीजों को चर्चा में लाकर राष्ट्रवाद की झलक दिखाने की भी कोशिश है।

विपक्ष इन मुद्दों को दे रहा है तूल

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का राजनीतिक असर क्या होगा, यह तो भविष्य ही तय करेगा। लेकिन, शायद किसी भी दल को इस बात में कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान और उसके संरक्षण में पल रहे आतंकियों पर हमला करके भारतीय सेनाओं ने जोश और भावनाओं की ऐसी लहर पैदा की है, जिसमें पूरा देश डूबा हुआ नजर आ रहा है। इसके सहारे राष्ट्रवाद की लहर उठी है, जबकि विपक्ष इस लहर को तोड़ने की कोशिश में संघर्ष विराम में अमेरिकी दखल जैसे मुद्दों को तूल देना चाहता है।

संदेह, अन्य दलों की तरह भाजपा संगठन भी इन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार है, लेकिन इस पूरे ऑपरेशन की कमान संभाल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नहीं चाहते कि विपक्ष इस सफल सैन्य ऑपरेशन की सफलता पर भ्रामक हमले करके जनता को गुमराह करे। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए सरकार की ओर से तैयारियां कर ली गई हैं। 24 मई को नई दिल्ली में होने वाली नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे।

बैठक में इन लोगों को आमंत्रित किया गया है

इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों और केंद्र शासित प्रदेशों के सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। एजेंडा अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि इसमें ग्रामीण विकास की उपलब्धियों, खासकर मोदी सरकार के 2047 तक भारत को विकसित बनाने के संकल्प में राज्यों की साझा भूमिका पर चर्चा होने की संभावना है। इसके जरिए सरकार यह संदेश देगी कि सरकार सहकारी संघवाद के सिद्धांत पर चलते हुए देश के समग्र विकास के लक्ष्य पर काम कर रही है।

इसके अलावा सूत्रों का दावा है कि पीएम मोदी 25 मई को एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। उस बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर खास तौर पर चर्चा होनी है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी एनडीए सरकारों का नेतृत्व कर रहे इन नेताओं को बिंदुवार जानकारी देंगे कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य क्या था और भारतीय सेनाओं ने इसे किस तरह सफलतापूर्वक हासिल किया। 

ओके को वापस लेना सरकार के एजेंडे में शामिल है

सरकार चाहती है कि संघर्ष विराम को लेकर जनता में किसी तरह का भ्रम न पैदा हो। यह संदेश देने की भी कोशिश की जा सकती है कि भारत की लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है और इसका लगातार मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। साथ ही पीओके को वापस लेना भी सरकार के एजेंडे में है, लेकिन युद्ध को लेकर जो अतिशयोक्ति की भावना कुछ विपक्षी दल भड़काना चाहते हैं, वह किसी भी राष्ट्र के विकास लक्ष्यों को प्रभावित कर सकती है। 

न दें कि पीएम की इस प्रस्तावित बैठक के बारे में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन खुद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एनडीए के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम की प्रस्तावित बैठक का दावा करते हुए इस पर आपत्ति जताई है।

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