12 मई को हुई डीजीएमओ वार्ता में स्थायी शांति पर चर्चा हुई और अगली बैठक जल्द ही होने की उम्मीद है। भारत ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी आतंकी हमले को 'युद्ध की कार्रवाई' माना जाएगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच 12 मई को सैन्य अभियान रोकने के लिए जो समझौता हुआ था, वह जारी रहेगा। सेना के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि यह समझौता अस्थायी है और इसकी अवधि आज खत्म हो जाएगी।
उन्होंने कहा, "जहां तक सैन्य अभियान रोकने के लिए डीजीएमओ (सैन्य अभियान महानिदेशक) वार्ता के दौरान बनी सहमति को जारी रखने का सवाल है, तो इसकी कोई समाप्ति तिथि नहीं है।" अधिकारी ने कहा कि रविवार को भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच कोई वार्ता निर्धारित नहीं है।
पाकिस्तान के अनुरोध पर 10 मई को संघर्ष विराम लागू किया गया था
भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बाद 10 मई को शाम पांच बजे से संघर्ष विराम लागू हो गया था। उस दिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की थी कि दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (DGMO) के बीच हॉटलाइन पर बातचीत के बाद यह समझौता हुआ है। हालांकि, संघर्ष विराम लागू होने के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात में ड्रोन हमले और गोलीबारी करके समझौते का उल्लंघन किया, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
क्यों लागू किया गया संघर्ष विराम?
यह संघर्ष विराम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव के परिणामस्वरूप लागू किया गया था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया, जिसके तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारत ने पाकिस्तान के 6 एयरबेस और 9 आतंकी कैंपों को नष्ट कर दिया, जिससे पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया। 10 मई को पाकिस्तानी DGMO ने भारत से संपर्क कर संघर्ष विराम की अपील की, जिसे भारत ने अपनी शर्तों पर स्वीकार कर लिया।
13 मई को डीजीएमओ स्तर पर एक और दौर की वार्ता हुई, जिसमें पाकिस्तान ने वादा किया कि वह संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं करेगा। जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में स्थिति सामान्य हो रही है, सड़कों पर आवाजाही बढ़ गई है और दुकानें खुल गई हैं। हालांकि, भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। जम्मू-कश्मीर में रघुनाथ मंदिर और जामिया मस्जिद जैसे धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान आधारित मैलवेयर हमले के खिलाफ साइबर अलर्ट भी जारी किया है।