ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने 7 प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। इनमें अलग-अलग पार्टियों के 51 सांसदों के नाम शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया के 33 देशों का दौरा कर पाकिस्तान को बेनकाब करेगा। इस लिस्ट में टीएमसी सांसद यूसुफ पठान का नाम भी शामिल था। हालांकि, टीएमसी ने यूसुफ पठान का नाम वापस लेने का फैसला किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल बनाया है जो दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर भारत का पक्ष रखेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं को शामिल किया गया है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपने सांसद भेजने से इनकार कर दिया है।
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केंद्र सरकार ने कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों के सांसदों को इस अभियान का हिस्सा बनाया है। वहीं, टीएमसी सांसद यूसुफ पठान का नाम भी इस लिस्ट में शामिल था। हालांकि, टीएमसी ने यूसुफ पठान का नाम वापस ले लिया है। टीएमसी ने नाम क्यों वापस लिया? टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने इसके पीछे की वजह भी साफ की है। डेरेक का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति का काम केंद्र सरकार का है।
तृणमूल कांग्रेस पूरी तरह से राष्ट्रीय हित के साथ है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति केंद्र सरकार का काम है और यह काम केंद्र को ही करने देना चाहिए।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान में आतंकवाद का पर्दाफाश करने के लिए सात प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है, जिसमें अलग-अलग पार्टियों के 51 सांसद शामिल हैं। इस सूची में भाजपा के बैजयंत पांडा और रविशंकर प्रसाद, जदयू के संजय कुमार झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, कांग्रेस के शशि थरूर, द्रमुक की कनिमोझी करुणानिधि और राकांपा-सपा की सुप्रिया सुले का नाम शामिल है।