होलकर वंश के शासक मल्हार राव होलकर की पत्नी देवी अहिल्याबाई होलकर ने 1767 से 1795 तक मालवा क्षेत्र पर शासन किया। उन्हें उनके प्रशासनिक कौशल, परोपकारी कार्यों और गहरी धार्मिक भक्ति के लिए सम्मानित किया जाता है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती समारोह के समापन के अवसर पर मंगलवार को इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा पैलेस में मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक होगी। इसमें जनकल्याण से जुड़े कई फैसले लिए जाने की संभावना है।
सीएम ने कहा, "आदरणीय देवी अहिल्याबाई के चरणों में कोटि-कोटि नमन। लोकमाता देवी अहिल्याबाई के 300वें जयंती वर्ष के समापन के अवसर पर 20 मई को हमारी सरकार इंदौर के राजवाड़ा में मंत्रिमंडल की बैठक बुलाएगी, जिसमें जनहित से जुड़े कई फैसले लिए जाएंगे।"
भारत की आजादी के बाद होलकरकालीन राजवाड़ा में यह पहली मंत्रिमंडल बैठक होगी। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले यशवंत राव होलकर तृतीय ने महल के दरबार हॉल में अपने मंत्रिपरिषद के साथ बैठकें की थीं।
होलकर वंश के शासक मल्हार राव होलकर की पत्नी अहिल्याबाई होलकर ने 1767 से 1795 तक मालवा क्षेत्र पर शासन किया। उन्हें उनके प्रशासनिक कौशल, परोपकारी कार्यों और गहरी धार्मिक भक्ति के लिए सम्मानित किया जाता है।
करीब 200 साल पहले बना राजवाड़ा होलकर शासकों का ऐतिहासिक निवास है। यह मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बना हुआ है।
ऐतिहासिक महल की वास्तुकला में फ्रेंच, मराठा और मुगल शैलियों का मिश्रण दिखाई देता है। शहर के बीचों-बीच स्थित सात मंजिला इमारत मुख्य रूप से लकड़ी और पत्थर से बनी है।
देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती का साल भर चलने वाला उत्सव पिछले साल 31 मई को शुरू हुआ था, जिसमें उनके सम्मान में देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।