भारत ने पहलगाम हमले को अंजाम देने में कथित संलिप्तता के लिए लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी संगठन के रूप में नामित कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, एक भारतीय तकनीकी टीम न्यूयॉर्क में है और संयुक्त राष्ट्र में 1267 प्रतिबंध समिति और अन्य भागीदार देशों की निगरानी टीम के साथ बातचीत कर रही है।
नई दिल्ली। भारत ने पहलगाम हमले को अंजाम देने में कथित संलिप्तता के लिए लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध आतंकवादी संगठन के रूप में नामित कराने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, एक भारतीय तकनीकी टीम न्यूयॉर्क में है और संयुक्त राष्ट्र में 1267 प्रतिबंध समिति और अन्य भागीदार देशों की निगरानी टीम के साथ बातचीत कर रही है।
भारतीय अधिकारियों ने पहलगाम आतंकी हमले के पीछे के समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की गतिविधियों के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम को जानकारी दी।
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 1267 प्रतिबंध समिति 1999 में गठित संयुक्त राष्ट्र की एक सहायक संस्था है। यह समिति आतंकवाद, खासकर आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट) और अलकायदा से जुड़े आतंकवाद के खिलाफ प्रतिबंधों को लागू करने और निगरानी के लिए जिम्मेदार है।
सूत्रों ने बताया कि यह टीम संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय और आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय के साथ भी बैठक करेगी। माना जा रहा है कि यह टीम हमले में टीआरएफ की कथित संलिप्तता पर संयुक्त राष्ट्र की संबंधित समितियों को कुछ सामग्री भी मुहैया कराएगी।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए क्रूर हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसमें 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे।
हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करने का संकल्प लिया था। 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया था, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ जगहों पर आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया।