- SC: सुप्रीम कोर्ट ने पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ सुनिश्चित करने के दिए निर्देश, इसे संवैधानिक अधिकार बताया

SC: सुप्रीम कोर्ट ने पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ सुनिश्चित करने के दिए निर्देश, इसे संवैधानिक अधिकार बताया

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पैदल चलने वालों के लिए उचित फुटपाथ सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने इसे लोगों का संवैधानिक अधिकार बताया है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि फुटपाथ के अभाव में पैदल चलने वालों को सड़कों पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पैदल चलने वालों के लिए उचित फुटपाथ सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने इसे लोगों का संवैधानिक अधिकार बताया है।

दुर्घटना की संभावना

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि फुटपाथ के अभाव में पैदल चलने वालों को सड़कों पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिससे उनके साथ दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।

उचित फुटपाथ जरूरी

पीठ ने कहा कि नागरिकों के लिए उचित फुटपाथ होना जरूरी है। ये ऐसे होने चाहिए जो दिव्यांगों के लिए सुलभ हों और इनसे अतिक्रमण हटाना अनिवार्य है।

निर्देश

पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह पैदल यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए दो महीने के भीतर अपने दिशा-निर्देश रिकॉर्ड पर रखे। पैदल यात्रियों की सुरक्षा को बेहद अहम मानते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि फुटपाथों का निर्माण और रखरखाव इस तरह से किया जाना चाहिए कि दिव्यांगों के लिए भी पहुंच सुनिश्चित हो।

फुटपाथों पर अतिक्रमण के मुद्दों पर जोर दिया

अदालत ने केंद्र को राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन के लिए छह महीने का समय दिया और स्पष्ट किया कि इससे अधिक समय नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में पैदल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई है। याचिका में उचित फुटपाथों की कमी और फुटपाथों पर अतिक्रमण के मुद्दों पर जोर दिया गया है।

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